छिंदवाड़ा: राजकुमारी की 22 लाख की अंगूठी छोटा महादेव झरने में गिरी, गांव के आदिवासियों ने दो दिन मशक्कत के बाद अंगूठी को वापस निकाला 

चेक गणराज्य की राजकुमारी इटका क्लेट तामिया हाल ही में छोटा महादेव झरने की सैर पर आई थीं। उनकी 22 लाख रुपए की सगाई की अंगूठी अचानक फिसलकर झरने में गिर गई।

Apr 28, 2025 - 15:30
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छिंदवाड़ा: राजकुमारी की 22 लाख की अंगूठी छोटा महादेव झरने में गिरी, गांव के आदिवासियों ने दो दिन मशक्कत के बाद अंगूठी को वापस निकाला 
Princess's ring worth Rs 22 lakhs fell into Chhota Mahadev waterfall

चेक गणराज्य की राजकुमारी इटका क्लेट तामिया हाल ही में छोटा महादेव झरने की सैर पर आई थीं। झरने की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हुए जब वह पानी में खेल रही थीं, तभी उनकी 22 लाख रुपए की सगाई की अंगूठी अचानक फिसलकर झरने में गिर गई। अंगूठी के साथ उनकी खुशी भी जैसे खो गई। राजकुमारी ने नम आंखों से अंगूठी ढूंढने की हर संभव कोशिश की। आसपास मौजूद पर्यटकों ने भी उनकी मदद की, लेकिन छह घंटे की लगातार तलाश के बाद भी अंगूठी नहीं मिल सकी। अंततः निराश होकर राजकुमारी को खाली हाथ छिंदवाड़ा लौटना पड़ा।

नींबू पानी बेचने वाले ने ली अंगूठी वापस करने की जिम्मेदारी

छोटा महादेव झरने पर नींबू पानी बेचने वाले मनोज विश्वकर्मा ने राजकुमारी की खोई हुई अंगूठी को वापस दिलाने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली। उन्होंने पास के गांवों से एक दर्जन से अधिक आदिवासी युवकों को बुलाया और सभी ने मिलकर यह संकल्प लिया कि जब तक अंगूठी नहीं मिलती, प्रयास जारी रहेगा। इसके बाद शुरू हुआ असली संघर्ष — युवकों ने झरने के ठंडे पानी में उतरकर घंटों रेत खंगाली, पत्ते हटाए और बारीकी से छानबीन की। उनकी लगातार दो दिन की मेहनत आखिरकार सफल रही और कीमती अंगूठी रेत के बीच से बरामद हो गई।

गांव वालों ने 5 लाख रुपए लेने से किया इंकार 


जब राजकुमारी को अपनी खोई हुई अंगूठी मिलने की खबर मिली, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने आभार स्वरूप आदिवासी युवाओं को पांच लाख रुपए देने की पेशकश की। लेकिन युवाओं ने यह रकम लेने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, "आप हमारे अतिथि हैं, आपके दुःख का कोई मूल्य नहीं लगाया जा सकता।" अंततः उन्होंने केवल अपनी मेहनत की मजदूरी के रूप में 41 हजार रुपए स्वीकार किए।

भारत ने एक बार पिर दिल जीत लिया 


इस अनुभव से भावुक हुईं राजकुमारी ने कहा, "भारत ने एक बार फिर मेरा दिल जीत लिया। यहां के लोग न केवल धरती से जुड़े हैं, बल्कि दिल से भी जुड़े होते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना को वह जिंदगी भर नहीं भूल पाएंगी। इलाज के मकसद से आई थीं, लेकिन यहां के लोगों की ईमानदारी और अपनापन उनके दिल के घाव भी भर गए।

आयुर्वेद इलाज के लिए आई थीं छिंदवाड़ा 


असल में, राजकुमारी इटका क्लेट अपनी रीढ़ की हड्डी के आयुर्वेदिक उपचार के लिए छिंदवाड़ा आई थीं। सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें डॉ. टाटा के आयुर्वेदिक इलाज के बारे में जानकारी मिली थी। इलाज के दौरान उन्होंने तामिया और पातालकोट की प्राकृतिक सुंदरता को देखने की इच्छा जताई। इसी दौरान छोटा महादेव झरने की सैर के दौरान वह घटना घटी, जिसने भारत की अतिथि सत्कार की परंपरा और आदिवासियों की ईमानदारी को एक मिसाल बनाकर दुनिया के सामने प्रस्तुत किया।