मानसून सत्र: पूरा हुआ पहलगाम हमले का बदला, जानिए क्या है ऑपरेशन महादेव

संसद में मानसून सत्र जारी है और ऑपरेशन सिंदूर चर्चा की जा रही है। चर्चा के दूसरे दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि पहलगाम आतंकी में शामिल तीन आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है।

Jul 29, 2025 - 15:47
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मानसून सत्र: पूरा हुआ पहलगाम हमले का बदला, जानिए क्या है ऑपरेशन महादेव
Monsoon session: Revenge of Pahalgam attack is complete, know what is Operation Mahadev, why it was named so

संसद में मानसून सत्र जारी है और ऑपरेशन सिंदूर चर्चा की जा रही है। चर्चा के दूसरे दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि पहलगाम आतंकी में शामिल तीन आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है। यह तीनो आतंकी हमले में शामिल थे और यह कार्रवाई “ऑपरेशन महादेव” के तहत की गई । यह कारवाही भारतीय सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस का संयुक्त अभियान था। 

22 मई को हुई ऑपरेशन महादेव की शुरुआत-

इस ऑपरेशन में मारे गए आतंकियों के नाम सुलेमान, जिबरान और अबू हमजा हैं। इनमें से सुलेमान लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी था और उसके खिलाफ ठोस सबूत मौजूद हैं।  ऑपरेशन महादेव की शुरुआत 22 मई 2025 को की गई थी। हालांकि इस ऑपरेशन की शुरुआत आतंकी हमले के तुरंत बाद ही सुरक्षा एजेंसियों ने शुरू कर दी थी।

तीन हजार घंटे चली पूछताछ-

हमले के बाद जांच का जिम्मा NIA को सौंपा दिया गया और 23 अप्रैल को सुरक्षा बैठक में यह तय किया गया कि किसी भी कीमत पर आतंकियों को पाकिस्तान भागने नहीं दिया जाएगा। इसके बाद व्यापक जांच अभियान चलाया गया, जिसमें 1055 लोगों से लगभग 3000 घंटे तक पूछताछ की गई। 

पूछताछ में पर्यटक, कैमरामैन और खच्चर वालों जैसे चश्मदीद शामिल थे। इसी जांच के दौरान दो लोगों बशीर और परवेज की पहचान हुई जिन्होंने आतंकियों को अपने घर में छिपाया था। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।

पूछताछ में क्या आया सामने-

पूछताछ में सामने आया कि 21 अप्रैल की रात तीन आतंकी बैसरण पहुंचे थे और उनके पास एके-47 और एम-9 जैसे हथियार थे। इन आतंकियों के सिग्नल 22 मई से 22 जुलाई तक लगातार ट्रैक किए गए और फिर 22 जुलाई को सेंसर के माध्यम से उनकी मौजूदगी की पुष्टि हुई। जिसके बाद सुरक्षा बलों ने घेराबंदी कर तीनों आतंकियों को मार गिराया। 

घटनास्थल से मिली गोलियों की जांच चंडीगढ़ में की गई, जहां वैज्ञानिकों ने पुष्टि की कि ये वही गोलियां थीं जो हमले में इस्तेमाल हुई थीं। अमित शाह ने बताया कि मारे गए आतंकियों की पहचान चार अलग-अलग लोगों द्वारा की गई और उनके शवों को भी पहचाना गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने पूरी सख्ती और तकनीकी सटीकता के साथ आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की है।