जापान: इतना बड़ा टेक्नोलॉजी हब 4 नंबर से डरा, नहीं होता कोई शुभकाम, जानिए क्या है वजह
जापान एक ऐसा देश है जो अक्सर अपने अलग और अजीबोगरीब चीजों से दुनिया में हल्ला मचाता रहता है। जापान अक्सर अपनी टेक्नोलॉजी, डिसिप्लिन और खास संस्कृति के लिए मशहूर है।

जापान एक ऐसा देश है जो अक्सर अपने अलग और अजीबोगरीब चीजों से दुनिया में हल्ला मचाता रहता है। जापान अक्सर अपनी टेक्नोलॉजी, डिसिप्लिन और खास संस्कृति के लिए मशहूर है।
लेकिन इस देश में एक अजीब सी मान्यता भी है। यहां के लोग एक नंबर से खूब डरते है। यह खौफ इतना है कि कई बिल्डिग में तो इस नंबर का फ्लोर तक नहीं है।
ऐसा कहा जाता है कि इस डर का कारण है इसका उच्चारण। जापानी में 4 को "शी" कहा जाता है और "मौत" को भी "शी" ही कहा जाता है। दोनों शब्द एक जैसे सुनाई देते हैं इसलिए लोगों को लगता है कि नंबर 4 का मतलब मौत से जुड़ा है।
कई जगह नहीं होता फोर्थ फ्लोर
जापान में कई इमारतें जैसे हॉस्पिटल, होटल और अपार्टमेंट में चौथे फ्लोर का नाम ही नहीं होता। इसलिए कहीं इसे "3A" कह देते हैं तो कहीं सीधे 5वें फ्लोर से नंबरिंग शुरू कर देते हैं। यानी फ्लोर तो होता है लेकिन उसे 4 नहीं कहा जाता।
नहीं होता कोई शुभ काम
इस डर को टेट्राफोबिया कहा जाता है। इसका असर लोगों की डेली लाइफ में भी दिखाई देता है। लोग 4 तारीख को शादी या कोई भी शुभ काम नहीं करते। यहां तक कि गिफ्ट में भी 4 चीजें देने से बचते हैं।
क्या होता है बिज़नेस पर असर?
जापान में इस मान्यता का असर रियल एस्टेट और बिजनेस पर भी साफ दिखता है। बिल्डर जानते हैं कि लोग 4 नंबर वाले फ्लोर पर घर नहीं खरीदना चाहेंगे इसलिए वे फ्लोर नंबर बदलकर लोगों के डर को कम करने की कोशिश करते हैं।
इन देशों में भी 4 नंबर है अनलकी
अनोखी बात यह है कि सिर्फ जापान ही नहीं चीन, कोरिया जैसे कई एशियाई देशों में 4 नंबर से बचने की परंपरा है। फर्क बस इतना है कि कहीं इसे ज्यादा माना जाता है तो कहीं कम।
यानि जितना हाई-टेक जापान दिखता है उतना ही वह परंपराओं और मान्यताओं से भी जुड़ा है और नंबर 4 का डर इसकी एक बड़ी मिसाल है।