कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, मिली अग्रिम जमानत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इंजेक्शन लगाते हुए बनाए गए एक विवादित कार्टून के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को अग्रिम जमानत दे दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इंजेक्शन लगाते हुए बनाए गए एक विवादित कार्टून के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को अग्रिम जमानत दे दी है। अदालत ने उन्हें जांच में पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है, साथ ही चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने सहयोग नहीं किया तो जमानत रद्द कर दी जाएगी। इससे पहले मालवीय ने कोर्ट के निर्देश पर सोशल मीडिया पर माफी भी मांगी थी।
कार्टून को लेकर हुआ था विवाद
हेमंत मालवीय द्वारा बनाए गए कार्टून में एक व्यक्ति आरएसएस की वर्दी में नजर आ रहा है, जो प्रधानमंत्री को इंजेक्शन लगा रहा है। इस कार्टून के खिलाफ विनय जोशी नामक व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत की थी, जिसमें कहा गया कि यह चित्र लोगों की धार्मिक और राजनीतिक भावनाओं को आहत करता है। शिकायत में भगवान शिव से जुड़ी कुछ टिप्पणियां भी शामिल थीं, जिन्हें हाई कोर्ट ने गलत ठहराया था।
माफी मांगने के आदेश और उसका पालन
सुप्रीम कोर्ट ने 19 अगस्त को हुई सुनवाई में हेमंत मालवीय को आदेश दिया था कि वे 10 दिन के भीतर सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। इसके पालन में, मालवीय ने 25 अगस्त को फेसबुक पर माफीनामा जारी किया। उन्होंने लिखा कि उनका उद्देश्य किसी धर्म, जाति, समुदाय या व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था और उन्होंने अनजाने में हुई इस गलती पर खेद जताते हुए भविष्य में सतर्क रहने का आश्वासन दिया।
जांच में सहयोग अनिवार्य
अग्रिम जमानत के साथ सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि हेमंत मालवीय को जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग करना होगा। यदि वे जांच में सहयोग नहीं करते हैं, तो उनकी जमानत रद्द की जा सकती है।
यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और उसकी सीमाओं को लेकर एक बार फिर चर्चा में आ गया है।