उज्जैन में झमाझम बारिश से शिप्रा नदी उफान पर, रामघाट के मंदिर डूबे
महाकाल की नगरी उज्जैन में बीते 24 घंटे से लगातार बारिश हो रही है, जिससे शिप्रा नदी उफान पर आ गई है।

महाकाल की नगरी उज्जैन में बीते 24 घंटे से लगातार बारिश हो रही है, जिससे शिप्रा नदी उफान पर आ गई है। रामघाट पर स्थित छोटे मंदिर पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं, जबकि बड़े मंदिरों के केवल शिखर ही नजर आ रहे हैं। घाट पर लगाए गए पुलिस बैरिकेड भी आधे से ज्यादा पानी में डूब चुके हैं। साथ ही निचले इलाकों में पानी भरने से आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
शहर और आसपास के इलाकों में हो रही बारिश की वजह से शिप्रा नदी का जलस्तर रात से ही लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी बारिश का असर यह भी है कि शहर को जलापूर्ति करने वाला गंभीर डेम पूरी तरह भर गया है। इस वक्त शहर में रुक-रुक कर बारिश जारी है।
प्रशासन सतर्क, घाटों पर रोक
बढ़ते जलस्तर के चलते प्रशासन अलर्ट मोड में है। नदी का पानी घाट तक पहुंच चुका है, जिससे घाट किनारे की छोटी दुकानें डूब गई हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने घाट पर जाना बंद करा दिया है और बैरिकेडिंग कर दी गई है। माइक से लगातार चेतावनी दी जा रही है। इस सीजन में पहली बार शिप्रा में इतना जलस्तर देखा गया है, हालांकि बीते वर्षों की तुलना में यह अब भी कम है।
धार्मिक अनुष्ठान भी प्रभावित
जलस्तर बढ़ने से रामघाट पर होने वाले पूजन, तर्पण और अन्य धार्मिक अनुष्ठान फिलहाल घाट के ऊपर के हिस्सों में कराए जा रहे हैं। उज्जैन की शिप्रा नदी को धार्मिक दृष्टि से गया की फाल्गु नदी जितना ही पवित्र माना जाता है। देशभर से लोग यहां पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और अस्थि विसर्जन करने आते हैं। मौजूदा स्थिति को देखते हुए श्रद्धालुओं को घाट से दूर रहने की सलाह दी जा रही है।
अगले 2 दिन और बारिश की संभावना
शासकीय जीवाजी वेधशाला के अनुसार, उज्जैन में अब तक 24 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि सामान्य औसत 36 इंच होता है। यानी अभी भी करीब 12 इंच बारिश कम है। बीती रात 3.36 इंच वर्षा दर्ज की गई। बाढ़ जैसी स्थिति को देखते हुए नगर निगम, होमगार्ड और एसडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं। मौसम विभाग ने आने वाले दो दिनों तक और बारिश की चेतावनी जारी की है।
गंभीर डेम पूरी तरह भरा
शहर की जल जरूरतों को पूरा करने वाला गंभीर डेम, जिसकी कुल क्षमता 2250 एमसीएफटी है, एक सप्ताह पहले ही लबालब हो चुका था। इसके चलते डेम का एक गेट खोलना पड़ा था। यह डेम मुख्य रूप से आसपास के क्षेत्रों की बारिश से भरता है, लेकिन इस बार इंदौर के यशवंत सागर डेम से छोड़े गए पानी के कारण यह तेजी से भर गया। खास बात यह है कि जब डेम लबालब हुआ, उस वक्त उज्जैन में बारिश नहीं हो रही थी।