सिवनी के बरघाट थाना क्षेत्र के अंखिवाड़ा गांव की दो सगी बहनों ने सिर्फ बात से इस जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की, कि उनके साथ ऑनलाइन ठगी हुई थी। दोनों बहनों ने परिवारों से इस बात को छिपाया। उन्हें इस बात का डर था कि घर वाले क्या कहेंगे, उन्हें अपने किए पर शर्मिंदगी थी। दोनों बहनें ऑनलाइन लॉटरी के झांसे में आ गई थीं और इसी वजह से वे ठगी का शिकार हो गईं। जब उनके साथ धोखा हुआ तब वे मानसिक तनाव, शर्म और डर के कारण इस कदम को उठाने मजबूर हो गईं।
इस घटना में बड़ी बहन चितेश्वरी पारधी की इलाज के दौरान ही मौत हो गई। वहीं छोटी बहन का इलाज नागपुर में चल रहा है। उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि बहनों ने ठगों को दो बार में कुल 45 हजार रुपये भेजे थे। यह रकम उन्होंने बरघाट क्षेत्र के कियोस्क संचालकों के जरिए ट्रांसफर की थी।
परिजनों के अनुसार, ठगी का शिकार होने के बाद दोनों बहनों ने डर और शर्म के कारण किसी से इस बारे में कुछ नहीं बताया।
पुलिस के मुताबिक, ठग उन्हें लगातार धमका रहे थे और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे। इसी दबाव के चलते दोनों ने यह कदम उठाया।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मृतका का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। अधिकारियों ने बताया कि छोटी बहन के बयान के बाद मामले की विस्तृत जांच की जाएगी। साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस ऑनलाइन धोखाधड़ी के पीछे कौन लोग हैं और इसका पूरा नेटवर्क कैसे काम कर रहा था।