नाबालिग लड़की ने पिता के साथ जाने से किया इंकार, हाईकोर्ट ने बेटी की कस्टडी बुआ को दी
एक नाबालिग लड़की ने अपने पिता के साथ जाने से इंकार करते हुए अपनी बुआ के साथ रहने की गुजारिश की। उसने कहा कि यदि उसे पिता के साथ भेजा गया तो वह अपनी जान दे देगी।

एक नाबालिग लड़की ने अपने पिता के साथ जाने से इंकार करते हुए अपनी बुआ के साथ रहने की गुजारिश की। उसने कहा कि यदि उसे पिता के साथ भेजा गया तो वह अपनी जान दे देगी। बुधवार को हाईकोर्ट में पेश की गई लड़की ने कोर्ट रूम में ही चेतावनी दे दी। पिता के साथ न जाने की जिद और बाल कल्याण समिति के हवाले न किए जाने की बात पर उसने अपनी जान देने की बात कही। जिसके बाद हाईकोर्ट ने बेटी की कस्टडी बुआ को दे दी। लड़की का आरोप है कि उसके पिता ने पहले ही उसकी शादी करवा दी थी और अब वह दोबारा शादी करने के लिए दबाव बना रहे हैं।
कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए लड़की की कस्टडी को बुआ को सौंपने का फैसला सुनाया। पहले हुई सुनवाई में, अदालत ने बुआ के पति से यह वचन लिया था कि वह लड़की की उचित देखभाल करेगा। इसके साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि लड़की का पिता उससे मिलने जा सकता है। लड़की किस स्थिति में हैं। इसकी निगरानी बाल कल्याण विभाग के अधिकारी करेंगे। जो समय-समय पर जांच करने पहुंचेंगे।
मामले की शुरूआत रतलाम के निवासी कालूराम द्वारा उच्च न्यायालय को लिखी गई एक याचिका से हुई थी। कालूराम ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी बाल कल्याण समिति के साथ नहीं जाना चाहती थी। जब उसे वहां भेजा गया और वह उससे मिलने पहुंचे तो वह वहां नहीं थी। जिसके कारण उन्हें संदेह हुआ कि कहीं उनकी बेटी को बेच तो नहीं दिया गया। बेटी की सुरक्षा को लेकर चिंतित पिता ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
कोर्ट ने इस गंभीर आरोप को गंभीरता से लिया और मामले की सुनवाई शुरू की। राज्य सरकार ने पहले कहा था कि लड़की बाल कल्याण समिति के आश्रय गृह में नहीं रहना चाहती थी और अपनी बुआ के परिवार के साथ रहना चाहती थी।