साहस की मिसाल बने सतना के रत्नेश पाण्डेय, तीन दिन में फतह कीं 20,000 फीट से ऊँची चार चोटियां

मध्यप्रदेश के सतना जिले के मशहूर पर्वतारोही रत्नेश पाण्डेय ने तीन दिनों में लद्दाख क्षेत्र की 20,000 हजार फीट से ऊर्ची तीन पर्वत चोटियां फतह कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

Jul 21, 2025 - 17:20
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साहस की मिसाल बने सतना के रत्नेश पाण्डेय, तीन दिन में फतह कीं 20,000 फीट से ऊँची चार चोटियां
Ratnesh Pandey of Satna became an example of courage conquered four peaks above 20,000 feet in three days

मध्यप्रदेश के सतना जिले के मशहूर पर्वतारोही रत्नेश पाण्डेय ने तीन दिनों में लद्दाख क्षेत्र की 20,000 हजार फीट से ऊर्ची तीन पर्वत चोटियां फतह कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस दौरान उन्हें कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी दृढ़ इच्छा थी जिसकी वजह से उन्होंने इसे पूरा किया। हर शिखर पर उन्होंने तिरंगे के साथ-साथ आई लव सतना और जय हिंद का उद्घोष करते हुए सतना जिले को गौरवांवित किया और नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। 

इनमें सबसे ऊंची चोटी ग्यामा कांगरी ईस्ट (6108 मीटर) रही। इसके अलावा कीगर री (6100 मीटर), यालुंग नोंग 1 (6050 मीटर) और यालुंग नोंग 2 (6080 मीटर) को भी उन्होंने सफलतापूर्वक फतह किया।

तूफान में ढह गया तंबू 

अभियान को पूरा करना आसान नहीं था। यूं कहा जा सकता है कि ढे़र सारी अड़टने हो  और दिल में सिर्फ कुछ कर गुजरने का जज्बा हो। तब मुश्किल से मुश्किल हालातों पर भी काबू पाया जा सकता है। ऐसा ही हुआ रत्नेश के साथ। बर्फबारी, बारिश और तेज हवाओं का तूफान ऐसा आया कि तंबू भी ढ़ह गया, लेकिन अभियान को पूरा करने की चाहत बरकरार रही। इन कठिनाईयों के बावजूद रुके नहीं और लगातार चढ़ाई चढ़ते रहे। 

यह पूरा मिशल अल्पाइन स्टाइल में बिना किसी बाहरी मदद के पूरा किया गया। रत्नेश ने पर्वतारोहण को खेल से आगे बढ़कर मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए अहम साधन बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि मंगल या चांद पर जीवन की तलाश भले ही तकनीकी उपलब्धि हो, लेकिन धरती पर भी कई ऐसी जगहें हैं जहां पर जीवन कठिन है, ऐसे में स्वयं के जीवन को बचाना ही सबसे बड़ी नैतिक जिम्मेदारी है।