मध्यप्रदेश के रीवा जिले में एक गर्भवती महिला ने सिर्फ इसलिए दो जिंदगियां गवां दी , क्योंकि उसे समय पर इलाज नहीं मिल पाया। घंटों दर्द से तड़पती रही महिला। बाढ़ के कारण रास्ता बंद मिला। अस्पताल पहुंच नहीं पाई, दूर-दूर तक उसे कोई साधन उपलब्ध नहीं हो पाया। जवा तहसील के बरहटा गांव में बाढ़ आने से उसे स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पाई। उसकी दर्दनाक मौत ने एक बार फिर प्रशासन की जन सुविधाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बाढ़ में फंसा वाहन, नहीं मिल पाया समय पर इलाज
प्रिया रानी कोल नाम की गर्भवती महिला को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजन उन्हें तुरंत जवा अस्पताल ले जाने के लिए निकले, लेकिन रास्ते में महना नदी के उफान के कारण उनका वाहन बीच में ही फंस गया। महिला करीब दो घंटे तक दर्द से तड़पती रही। जब तक गांव के एक झोलाछाप डॉक्टर को बुलाया गया, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टर ने प्रिया को मृत घोषित कर दिया।
स्वास्थ्य व्यवस्था की खस्ताहाली उजागर
इस हादसे ने रीवा के विंध्य क्षेत्र की स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं की गंभीर कमी को सामने ला दिया है। लीला साहू के मामले की गूंज अभी थमी नहीं थी कि यह नई त्रासदी सामने आ गई। जवा क्षेत्र में भारी बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं, जिससे आमजन का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
40 किलोमीटर का लंबा रास्ता तय करना पड़ा
प्रिया के ससुर ने बताया कि बाढ़ के कारण उन्हें शव को मायके से ससुराल लाने के लिए करीब 40 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ा। वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के मौसम में सड़कें बेहद खराब हो जाती हैं, जिससे अस्पताल पहुंचना मुश्किल हो जाता है।
प्रशासन पर ग्रामीणों का रोष
इलाके के लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि हर साल बरसात में ऐसी घटनाएं होती हैं, लेकिन न तो सड़कें सुधारी जाती हैं और न ही स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होती हैं। समय पर इलाज न मिल पाने की वजह से कई मरीजों की जान चली जाती है।
यह घटना न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि सिस्टम की विफलता का भी एक गंभीर उदाहरण है।