मध्यप्रदेश में अब उज्जवला योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है। जिसमें पिछले एक साल में लगभग 2 लाख महिलाओं ने सब्सिडी के चक्कर में अपने पति या परिवार के पुरुष का नाम हटवा दिया है। खाद्य विभाग ने इस योजना का स्वतंत्र एजेंसी से ऑडिट कराने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। उन्हें इस बात को लेकर जांच कराना है कि क्या महिलाओं ने लाडली बहना योजना का लाभ भी लेने के लिए जानबूझकर पुरुषों का नाम हटवाया है।
क्या-क्या होगा ऑडिट में शामिल?
इस प्रस्तावित ऑडिट में जांच की जाएगी की गैस कनेक्शन कब से है, उसमें अब तक क्या बदलाव हुए हैं। कनेक्शन किसके नाम पर लिया गया था, वर्तमान में किसके नाम पर है। इसके साथ ही इस बात की भी जांच की जाएगी की इस योजना का महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर पर क्या प्रभाव पड़ा है। ऑडिट यह भी परखेगा कि गैस रिफिल कराने में कोई दिक्कत तो नहीं आई, धुएं से राहत मिली या नहीं। बच्चों की पढ़ाई के लिए महिलाओं को समय मिला या नहीं।
450 रुपए में गैस, फिर भी सामने आई गड़बड़ियां
उज्ज्वला योजना के तहत सब्सिडी के साथ 450 रुपए में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जाता है। वहीं, ‘लाड़ली बहना’ योजना की लाभार्थी महिलाओं को भी अतिरिक्त सब्सिडी मिलती है। लेकिन हालिया जांच में पता चला है कि कुछ महिलाओं ने इन लाभों को दोहरा पाने के लिए गैस कनेक्शन से पुरुषों का नाम हटवा लिया है, जिससे योजना की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
कनेक्शन ट्रांसफर पर रोक, तेल कंपनियों को निर्देश
इन अनियमितताओं के चलते खाद्य विभाग ने नए गैस कनेक्शन के ट्रांसफर पर फिलहाल रोक लगा दी है। तेल कंपनियों को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे ऐसे किसी भी आवेदन पर कार्रवाई न करें। विभाग ने इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत ऑडिट कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।