पिछले तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से सतना, मैहर में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। तेज बारिश और कॉलोनियों में जल भराव के कारण लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर रखा है। नदियों के बढ़ते जलस्तर और प्रशासनिक लापरवाही ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के उफान ने रामघाट, भरतघाट और जानकीकुंड को जलमग्न कर दिया है।
बाढ़ की चपेट में चित्रकूट
पानी का स्तर बढ़ते-बढ़ते पुरानी लंका तिराहा और एमपी टूरिज्म गेस्ट हाउस तक पहुंच गया है। सैकड़ों दुकानें और कई होटल जलमग्न हो गए हैं। श्रद्धालु और स्थानीय लोग लंबे समय तक पानी में फंसे रहे, जिन्हें प्रशासन और स्थानीय निवासियों की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
2003 की बाढ़ की दिलाई याद
स्थानीय लोगों ने बताया कि मौजूदा हालात 2003 में आई बाढ़ जैसी त्रासदी की याद दिला रहे हैं। एक वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि रामघाट और भरतघाट डूबने के बाद अब पुरानी लंका तिराहा पर नावों से लोगों को निकाला जा रहा है। शहर की सड़कों पर नावें चल रही हैं।
मैहर में कॉलोनियों में घुसा पानी
मैहर शहर के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, देवीजी क्षेत्र, शारदा मंदिर मार्ग, वन विभाग कार्यालय और पुलिस कॉलोनी में भीषण जलभराव हो गया है। पुलिस कॉलोनी के क्वार्टरों और वाहनों तक पानी पहुंच चुका है। स्थानीय लोग खराब जल निकासी व्यवस्था को लेकर प्रशासन से नाराज़ हैं।
सतना के गांवों में भी खतरा
सतना के मझगवां थाना क्षेत्र के पटनी गांव के पास चकरा नाला उफान पर है। पुलिस ने गांव के लोगों को सतर्क रहने और नाले के पास न जाने की हिदायत दी है।
प्रशासन सतर्क, बचाव कार्य जारी
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और नालों के पास न जाएं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें अलर्ट पर हैं और राहत व बचाव कार्य जारी है। लगातार बारिश के कारण इन कार्यों में काफी बाधाएं आ रही हैं। वहीं, जलभराव की स्थिति से बिजली आपूर्ति और यातायात व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है।