AX-4 मिशन: लॉन्च के आठ मिनट बाद धरती पर वापिस लौटा फाल्कन 9 रॉकेट
फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर बुधवार को स्पेसएक्स का क्रू ड्रैगन कैप्सूल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ओर रवाना हुआ।

- 28 घंटे की यात्रा के बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने की उम्मीद,
- यही से चंद्रमा के लिए रवाना हुए थे नील आर्मस्ट्रांग
फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर बुधवार को स्पेसएक्स का क्रू ड्रैगन कैप्सूल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ओर रवाना हुआ। लॉन्च के लगभग आठ मिनट बाद इस मिशन को ऑर्बिट में पहुंचाने वाला फाल्कन 9 रॉकेट सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आया।
क्रू ड्रैगन कैप्सूल में सवार अंतरिक्ष यात्रियों में भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं जो अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय नागरिक बन गए है। इस कैप्सूल के लगभग 28 घंटे की यात्रा के बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने की उम्मीद है।
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पहले 6 बार टल चूका है मिशन-
यह मिशन पहले 6 बार किसी न किसी वजह के चलते टल चूका है। जिसमे खराब मौसम, तकनीकी खराबी आदि शामिल है। सातवीं बार भी इसमें थोड़ी तकनीकी दिक्कत आई लेकिन कुछ ही मिनटों में समस्या सुलझ गई और भारतीय समय अनुसार दोपहर 12:01 बजे रॉकेट ने उड़ान भर ली।
फाल्कन 9 रॉकेट ने कैनेडी स्पेस सेंटर के वही लॉन्चपैड से उड़ान भरी जहां से 1969 में नील आर्मस्ट्रांग चंद्रमा के लिए रवाना हुए थे। इस मिशन का नाम AX-4 मिशन है।
क्या है फाल्कन 9 रॉकेट ?
फाल्कन 9 दो हिस्सों वाला रॉकेट है जिसे अमेरिकी कंपनी स्पेसएक्स द्वारा बनाया गया है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसके पहले हिस्से (Booster) को फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे मिशन की लागत कम होती है।
इस रॉकेट में 9 मर्लिन इंजन लगे होते हैं जो खास तरह के ईंधन से चलते हैं। जब रॉकेट अंतरिक्ष में उड़ता है तो उसका पहला हिस्सा (Booster) कैप्सूल को ऊंचाई पर ले जाकर अलग हो जाता है और फिर सुरक्षित वापस धरती पर उतर आता है।
अब तक स्पेसएक्स ने 451 बार अपने रॉकेट के बूस्टर को सफलता से लैंड कराया है। फाल्कन 9 ने अब तक 492 मिशन पूरे किए हैं जिनमें से 447 बार लैंडिंग हुई और 417 बार बूस्टर का दोबारा इस्तेमाल किया गया।
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