सार्वजनिक रूप से कथा कहने का अधिकार सिर्फ ब्राह्मण को है- शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद

कथावाचक के साथ बदसलूकी के बाद सामने आया शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का बयान
इटावा में कुछ समय पहले एक कथावाचक के साथ बदसलूकी का मामले सामने आया था। इस घटना को लेकर ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का बयान सामने आया है। शंकराचार्य के इस बयान के बाद सियासत और भी तेज हो गई है। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कहना है कि सार्वजनिक रूप से कथा कहने का अधिकार सिर्फ ब्राह्मण को है। उनके अनुसार शास्त्रों के मुताबिक सभी जातियों को कथा सुनाने के लिए ब्राह्मण ही उपयुक्त हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला-
इटावा में दो दिन पहले ही एक अन्य पिछड़ी जाति के एक कथावाचक के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया था। इस घटना के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को उठाया था। हालांकि इस मामले में दो महिलाओं के बयान भी सामने आए हैं।
महिलाओं ने बताया कि कथावाचक कथा कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को लेकर अभद्र व्यवहार कर रहे थे। जिसके चलते सामूहिक तौर पर उनका मुंडन करवाया गया था।
सपा मुखिया का कहना-
मामले को लेकर सपा मुखिया ने कहा कि हमारा संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता है। ये व्यक्ति की गरिमा और प्रतिष्ठा से जीवन जीने के मौलिक अधिकार के विरुद्ध किया गया अपराध है। सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ़्तारी हो और यथोचित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए।
अगर आने वाली 3 दिनों में कड़ी कार्रवाई नही हुई तो हम पीडीए के मान-सम्मान की रक्षा के एक बड़े आंदोलन का आह्वान कर देंगे। पीडीए के मान से बढ़कर कुछ नहीं।