दमोह के फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट ने सर्जरी करके 7 मरीजों की जान ली थी। इन मौतों को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग एक्शन में आ गया है। जिसके बाद उसने मरने वाले तमाम लोगों के लिए 10-10 लाख रुपए के मुआवजे की मांग की है। साथ ही राज्य सरकारों को आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन की जांच कराने की अनुशंसा की है। देश भर के कैथ लैब में काम करने वालों डॉक्टरों के सत्यापन की जांच कराने के आदेश जारी किए हैं।
लंदन रिटर्न बताकर करता था मरीजों से खिलवाड़
दमोह के मिशन अस्पतला में डॉ.नरेन्द्र यादव उर्फ एन.जान कैम ने लंदन का कार्डियोलॉजिस्ट बनकर कई मरीजों की जिंदगियों से खिलवाड़ किया था। फर्जी डॉक्टर लोगों के दिल की सर्जरी करता था। जिससे सात लोगों की मौत हो गई थी। आयोग ने जब इस मामले को संज्ञान में लिया। तब इसमें सरकार द्वारा की गई कार्रवाई में कई अनियमितताएं पाईं और उनकी अनुशंसा की है। चार सप्ताह में इस कार्रवाई को पूरा कर अनुपालन रिपोर्ट पेश करने का आदेश आयोग द्वारा दिया गया है।
सभी राज्यों में हो जांच
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने देशभर के कैथ लैब में कार्यरत डॉक्टरों का सत्यापन करवाने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के साथ-साथ सभी राज्य सरकारों को आवश्यक जांच करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही आयोग ने सभी राज्यों से आयुष्मान भारत योजना के कार्यान्वयन की भी समीक्षा करने की सिफारिश की है।
इन्हीं आधारों पर आयोग ने कई सिफारिशें की हैं, जिनमें चार सप्ताह के भीतर कार्रवाई कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। साथ ही, पुलिसकर्मियों और दमोह के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) की लापरवाही के लिए उनके खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है। इसके अलावा, जब तक मामले का अंतिम निपटारा नहीं हो जाता, तब तक संबंधित मिशन अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा भी की गई है। आयोग ने कुछ मामलों में एफआईआर दर्ज करने और अन्य आवश्यक कदम उठाने की सिफारिश भी की है।