पुणे पोर्श कार हादसा : नाबालिग आरोपी पर बतौर नाबालिग ही चलेगा मुकदमा- जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड
पिछले साल हुए पुणे पोर्श कार हादसे को अभी तक कोई भुला नहीं है। आज भी हर किसी को याद है कि कैसे एक नाबालिग ने दो बेगुनाहों की जान ले ली थी।

पिछले साल हुए पुणे पोर्श कार हादसे को अभी तक कोई भुला नहीं है। आज भी हर किसी को याद है कि कैसे एक नाबालिग ने दो बेगुनाहों की जान ले ली थी। ऐसे में इस मामले को लेकर एक बड़ा फैसला सामने आया है।
कोर्ट ने ख़ारिज की पुलिस की अर्जी-
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने मंगलवार को पुणे पुलिस की अर्जी को खारिज कर दिया जिसमें नाबालिग को बालिग की तरह मुकदमा चलाने की मांग की गई थी। अब इस नाबालिग पर बतौर नाबालिग ही मुकदमा चलेगा।
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क्या है पूरा मामला-
पुणे का यह हादसा 19 मई 2024 की सुबह कल्याणी नगर इलाके में हुआ था। नाबालिग ड्राइवर की लग्जरी कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिसमें मध्य प्रदेश के दो युवा अश्विनी कोष्टा और अनीश अवधिया अपनी जान गंवा बैठे थे। इस हादसे के बाद नाबालिग को हिरासत में ले लिया गया था लेकिन जुवेनाइल बोर्ड ने उसे जमानत दे दी थी।
यह सामने आया था कि जिस दिन ये हादसा हुआ था उस दिन नाबालिग लड़के ने शराब पी हुई थी। इसके अलावा आरोप है कि नाबालिग के माता-पिता ने डॉक्टरों को रिश्वत देकर उसके ब्लड सैंपल को उसकी मां के सैंपल से बदल दिया था।
जिसके चलते पुणे के ससून अस्पताल के डॉक्टरों और दो अन्य लोगों पर सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप लगा था। पुलिस ने इस सिलसिले में नाबालिग के माता-पिता और डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
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