यमन नर्स मामला: टल गई भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा 

यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। मिली जानकारी के मुताबिक उनको कल फांसी होनी थी लेकिन एक दिन पहले उनकी फांसी टाल दी गई है।

Jul 15, 2025 - 14:58
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यमन नर्स मामला: टल गई भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा 
Yemen nurse case: Indian nurse Nimisha Priya's death sentence postponed

यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। मिली जानकारी के मुताबिक उनको कल फांसी होनी थी लेकिन एक दिन पहले उनकी फांसी टाल दी गई है। निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोडे से तालुख रखती है। उन्हें 2020 में यमन के एक व्यक्ति की हत्या के लिए दोषी करार दिया गया था। 

बचने का एक ही तरीका 'ब्लड मनी' (BLOOD MONEY)

निमिषा को बचाने का एकमात्र तरीका यह है कि मृतक का परिवार 'ब्लड मनी' यानी वित्तीय मुआवजा को स्वीकार कर ले।  जानकारी के मुताबिक सूत्र ने बताया कि भारत सरकार शुरुआत से ही इस मामले में हर संभव सहायता प्रदान कर रही है।  

सरकार इस कोशिश में लगी है कि मृतक का परिवार ब्लड मनी लेने के लिए राजी हो जाए। मामले की संवेदनशीलताओं के बावजूद, भारतीय अधिकारी स्थानीय जेल अधिकारियों और अभियोजक के कार्यालय के साथ संपर्क में हैं। इसी पहल की वजह से फांसी को अभी के लिए टालने को सुनिश्चित किया जा सका है। 

जानकारी के मुताबिक सरकार की पहल के अलावा केरल के कांतपुरम के प्रभाववशाली सुन्नी मुस्लिम नेता एपी अबुबक्र मुसलियार ने यमन में सूफी विद्वानों से इस मामले में संपर्क साधा था। इसके बाद यमन के प्रभावशाली मुस्लिम नेताओं ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और इसके बाद निमिषा प्रिया की सजा टलने की खबर आई। सूत्रों के मुताबिक, सूफी नेता शेख हबीब उमर बिन हाफिज के प्रतिनिधियों और तलाल आब्दो मेहंदी के परिवार के बीच मुलाकात हुई। 

क्या है निमिषा की कहानी?

केरल के पलक्कड़ जिले से तालुख रखने वाली 38 वर्षीय निमिषा प्रिया साल 2008 में नर्स की नौकरी के लिए यमन गई थीं। वहां कुछ समय बाद उन्होंने अपना एक क्लिनिक खोला। हालांकि, यमन के कानून के अनुसार किसी विदेशी को क्लिनिक चलाने के लिए एक स्थानीय पार्टनर की जरुरत होती है, इसलिए निमिषा ने यमन निवासी तलाल अब्दो मेहदी को अपना पार्टनर बनाया।

आरोप है कि समय के साथ मेहदी ने निमिषा के साथ धोखाधड़ी की, उसके पैसे हड़प लिए और उस पर झूठा शादी का दावा भी किया। परिवार द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि मेहदी ने निमिषा को मानसिक और शारीरिक रूप से काफी प्रताड़ित किया।

इसके चलते, 2017 में निमिषा ने मेहदी को बेहोश कर उसका पासपोर्ट वापस लेने की योजना बनाई, लेकिन दवा की ज्यादा मात्रा (ओवरडोज़) देने से मेहदी की मौत हो गई।