भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से धरती की ओर वापसी कर रहे हैं। उन्होंने एक्सिओम-4 मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया है और अब 22.5 घंटे की वापसी यात्रा पर हैं। पूरे भारत में उनकी सुरक्षित वापसी को लेकर उत्साह और इंतजार है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर शुभांशु को शुभकामनाएं दीं और कहा कि देश को उन पर गर्व है।
एक्सिओम-4 मिशन में शामिल टीम
शुभांशु शुक्ला के साथ इस मिशन में कमांडर पैगी व्हिट्सन, पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू भी थे। यह टीम स्पेसएक्स के ‘ड्रैगन ग्रेस’ अंतरिक्ष यान से लौट रही है, जो सोमवार शाम 4:45 बजे (भारतीय समयानुसार) ISS से अलग हो गया था।
धरती पर वापसी की प्रक्रिया
स्पेसएक्स ने जानकारी दी कि अंतरिक्ष यान मंगलवार को दोपहर 2:07 बजे ‘डी-ऑर्बिट बर्न’ प्रक्रिया शुरू करेगा, जिससे यान की स्पीड कम कर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश संभव हो सकेगा। इसके बाद भारतीय समयानुसार शाम 3:01 बजे यान वायुमंडल में दोबारा दाखिल होगा और सैन डिएगो के पास प्रशांत महासागर में लैंड करेगा।
वायुमंडलीय प्रवेश और लैंडिंग
लैंडिंग से पहले कैप्सूल के ट्रंक को अलग किया जाएगा और हीट शील्ड को सक्रिय किया जाएगा, ताकि यह लगभग 1,600 डिग्री सेल्सियस तापमान को झेल सके। पैराशूट दो चरणों में खुलेंगे—पहले 5.7 किमी की ऊंचाई पर स्थिरीकरण पैराशूट और फिर करीब 2 किमी की ऊंचाई पर मुख्य पैराशूट।
अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी प्रक्रिया
प्रशांत महासागर में उतरने के बाद, एक विशेष रिकवरी जहाज अंतरिक्ष यान को कैप्चर करेगा। फिर, सभी अंतरिक्ष यात्रियों को कैप्सूल से बाहर निकाला जाएगा और प्राथमिक जांच के बाद सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाएगा।
शुभांशु शुक्ला भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बने हैं जिन्होंने किसी अंतरराष्ट्रीय निजी स्पेस मिशन में हिस्सा लिया, और इस मिशन में उन्होंने कई अहम वैज्ञानिक प्रयोग भी किए।