मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों की जर्जर हो रही इमारतें और लापरवाह प्रशासन एक बार फिर बच्चों की जान के लिए खतरा बन गए हैं। सतना जिले के नागौद विकासखंड स्थित वीरांगना अवंती बाई शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सेमरवारा में सोमवार दोपहर एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया।
करीब 3 बजे, जब कक्षा 10वीं की पढ़ाई चल रही थी, तभी अचानक छत का प्लास्टर गिर गया, जिससे छात्र साहिल मोहम्मद के सिर में चोट आई। उस समय कक्षा में कुल 38 छात्र उपस्थित थे। प्लास्टर गिरते ही कमरे में लगा पंखा भी अपनी जगह से हिल गया और उसकी रॉड टूटने से बाल-बाल बच गई, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। शिक्षक धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि घटना के बाद कक्षा में भगदड़ मच गई थी। घायल छात्र की स्थिति अब सामान्य बताई गई है।
सिर्फ 12 साल पुरानी है इमारत
चौंकाने वाली बात यह है कि जिस इमारत में यह हादसा हुआ, उसका निर्माण केवल 2013 में हुआ था। यानी महज 12 साल में ही उसकी हालत इतनी खराब हो गई है। यह स्पष्ट रूप से निर्माण में लापरवाही और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। अधिकारियों ने पहले ही यह निर्देश जारी किए थे कि जर्जर भवनों में कक्षाएं न लगाई जाएं, लेकिन इस मामले से स्पष्ट है कि इन निर्देशों का पालन नहीं हो रहा।
डीपीसी ने दिए जांच के निर्देश
सतना जिला परियोजना समन्वयक (DPC) विष्णु त्रिपाठी ने बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही प्राचार्य से संपर्क किया गया है और संबंधित कक्षा को बंद करने के निर्देश दे दिए गए हैं। सुधार कार्य के निर्देश भी जारी किए गए हैं। चूंकि इमारत 2013 में बनी थी, इसलिए बीईओ (ब्लॉक शिक्षा अधिकारी) को जांच कर यह पता लगाने को कहा गया है कि निर्माण एजेंसी कौन थी। जानकारी मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।