यूट्यूब के बाद मेटा ने जारी की वॉर्निंग, AI को लेकर जाने अब क्या बोल रहा मेटा
यूट्यूब के बाद मेटा ने भी अपने यूज़र्स के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। सोमवार को कंपनी ने कहा की जो अकाउंट लगातार किसी और के टेक्स्ट, फोटो या वीडियो को दोहराते हैं, उन पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी।

हाल ही में यूट्यूब ने अपने यूज़र्स के लिए गाइडलाइन्स जारी की थी जिसके चलते काफी क्रिएटर्स को परेशानी का सामना करना पढ़ सकता है। अब यूट्यूब के बाद मेटा ने भी अपने यूज़र्स के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। सोमवार को कंपनी ने कहा की जो अकाउंट लगातार किसी और के टेक्स्ट, फोटो या वीडियो को दोहराते हैं, उन पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी।
1 करोड़ से ज्यादा फेक प्रोफाइल हो हटाया गया
Meta ने बताया कि इस साल अब तक करीब 1 करोड़ फेक प्रोफाइल्स को हटा चुका है। यह सारी वह प्रोफाइल है जो बड़े कंटेंट क्रिएटर्स की नकल कर रहे थे। साथ ही उसने करीब 5 लाख ऐसे अकाउंट्स के खिलाफ एक्शन लिया है जो स्पैम या फर्जी एंगेजमेंट में शामिल थे जैसे कमेंट्स को डिमोट करना और कंटेंट की रीच को सीमित करना।
जानिए क्या है नई पॉलिसी?
Meta के अनुसार उन यूज़र्स को टारगेट नहीं किया जाएगा जो किसी कंटेंट पर रिएक्शन वीडियो बनाते हैं, ट्रेंड्स में हिस्सा लेते हैं या अपनी राय जोड़ते हैं।
असल निशाना वह अकाउंट्स है जो जानबूझकर दूसरे का कंटेंट कॉपी करके शेयर करते हैं चाहे वो स्पैम प्रोफाइल हों या नकली क्रिएटर अकाउंट।
बंद हो सकता है मॉनिटाइजेशन
ऐसे अकाउंट्स का मॉनिटाइजेशन बंद किया जा सकता है, पोस्ट्स की रीच डाउन कर दी जाएगी और उन्हें Facebook की सिफारिशों(recommendations) से हटा दिया जाएगा। Meta अब डुप्लिकेट वीडियो की पहचान कर उनकी रीच (reach) भी कम करेगा ताकि असल क्रिएटर को ही व्यूज़ और क्रेडिट मिले।
इन वीडियो पर होगी नजर
Meta ने सीधे तौर पर AI स्लोप का जिक्र नहीं किया है। लेकिन मेटा के ‘original content’ के लिए दी गई टिप्स से यह साफ कहा जा सकता है कि सिर्फ क्लिप्स जोड़कर या वॉटरमार्क लगाकर कंटेंट न बनाएं, ऑथेंटिक स्टोरीटेलिंग पर ध्यान दें और ऐसे वीडियो न बनाएं जिनमें कोई स्पष्ट वैल्यू न हो यानी AI से बने रिपिटेटिव वीडियो भी Meta के रडार पर हैं।
धीरे-धीरे लागू होंगे यह बदलाव
Meta का कहना है कि ये बदलाव धीरे-धीरे लागू किया जेगा ताकि क्रिएटर्स को एडजस्ट करने का समय मिल सके। अगर क्रिएटर्स जानना चाहते हैं कि उनका कंटेंट क्यों कम फैल रहा है तो वे Facebook के Professional Dashboard में जाकर नए पोस्ट-लेवल इनसाइट्स देख सकते हैं। साथ ही, क्रिएटर्स को Support सेक्शन में ये भी दिखेगा कि वे किसी पॉलिसी उल्लंघन के खतरे में हैं या नहीं, जैसे कि मॉनिटाइजेशन बंद होना या रेकमेंडेशन से हटना।
क्यों लिया गया ये फैसला?
AI की वजह से अब सोशल मीडिया पर नकली और घटिया क्वालिटी का कंटेंट बहुत तेजी से बढ़ा है। इसी वजह से पहले YouTube और अब Meta भी अब यह कदम उठा रहा हैं ताकि प्लेटफॉर्म की क्वालिटी बनी रहे।
कंटेंट क्रिएटर्स के लिए चेतावनी
Meta का यह कदम कंटेंट क्रिएटर्स के लिए चेतावनी है कि अगर वे केवल कॉपी-पेस्ट या रिपीटेड AI कंटेंट शेयर कर रहे हैं तो उन्हें फेसबुक की तरफ से सज़ा भुगतनी पड़ सकती है। अब सोशल मीडिया पर टिके रहना है तो ऑथेंटिक और वैल्यू देने वाला कंटेंट बनाना ही एकमात्र रास्ता है।