भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की धरती पर वापसी, वीडियो में देखिये सफर 

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला स्पेस स्टेशन से वापस धरती पर लौट आए हैं। वे 18 दिन तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में रहे थे।

Jul 16, 2025 - 17:53
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भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की धरती पर वापसी, वीडियो में देखिये सफर 
Indian astronaut Shubhanshu Shukla returns to Earth, watch the journey in video

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला स्पेस स्टेशन से वापस धरती पर लौट आए हैं। वे 18 दिन तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में रहे थे। मंगलवार दोपहर 3 बजे स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल अमेरिका के कैलिफोर्निया के पास पानी में उतरा।

शुभांशु शुक्ला की इस अंतरिक्ष यात्रा पर ISRO ने करीब 550 करोड़ रुपये का खर्च किया है। शुभांशु का अंतरिक्ष अनुभव भारत के गगनयान मिशन में मदद करेगा। शुभांशु शुक्ला ने कहा, "मैं इस मिशन के जरिए देश के बच्चों को प्रेरित करना चाहता हूं। अगर मैं एक बच्चे को भी प्रेरित कर पाया तो मैं समझंगा कि मैं सफल रहा।"

अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का पृथ्वी पर पर सफलता पूर्वक वापिस लौटने से देश में खास उत्साह देखने को मिला। उनके मिशन को लेकर बच्चों में क्यूरियोसिटी देखने मिली। शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष से धरती पर लौटने पर सारे हिंदुस्तान की निगाह थी।

घर वापसी पर शुभांशु के चेहरे पर दिखी खुशी

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला जब अपनी ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा के बाद धरती पर लौटे, तो उनके चेहरे पर गर्व की चमक और होठों पर हल्की मुस्कान साफ झलक रही थी। जैसे ही वे ड्रैगन कैप्सूल से बाहर आए, उन्होंने मुस्कुराते हुए हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया। यह एक बेहद भावुक और गर्व का क्षण था। 

क्या है स्प्लैशडाउन 

करीब 23 घंटे के लंबे अंतरिक्ष सफर के बाद भारतीय समय के अनुसार दोपहर 3 बजे उनका स्पेसक्राफ्ट अमेरिका के कैलिफोर्निया तट के पास प्रशांत महासागर में सुरक्षित रूप से उतरा। इस प्रक्रिया को स्प्लैशडाउन कहा जाता है। जिसमें पैराशूट की मदद से स्पेसक्राफ्ट को धीरे-धीरे पानी में उतारा जाता है। 

धरती की ओर आते समय शुभांशु का स्पेसक्राफ्ट 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा था। जैसे-जैसे वह धरती के करीब आता गया उसकी स्पीड को नियंत्रित तरीके से कम होती गई। कैप्सूल की बाहरी सतह पर हीट शील्ड लगा था जो करीब 2000 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहने में सक्षम था और इसने पूरी वापसी प्रक्रिया को सुरक्षित बनाया। 

इस मिशन के दौरान शुभांशु ने कुल 1 करोड़ 39 लाख किलोमीटर से भी अधिक का सफर तय किया। यह अपने आप में एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक उपलब्धि है। उनका यह अनुभव भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम, खासकर आने वाले गगनयान मिशन के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा।