मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की विदेश यात्रा से वापसी के बाद ही प्रदेश में बड़े बदलाव होने की संभावनाएं नजर आ रही हैं। कई जिलों के कलेक्टर, एसपी के तबादले किए जा सकते हैं। मंत्रालय से लेकर जिलों तक प्रशासनिक फेरबदल देखने को मिलने वाला है। यही वजह है कि इन दिनों सभी अधिकारियों के बीच तनाव बना हुआ है। उन्हें चिंता है कि कन्हीं वे भी लिस्ट में शामिल तो नहीं है। ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री प्रशासनिक स्तर पर गहरी "सर्जरी" कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री रविवार को विदेश दौरे से लौट चुके हैं, और उनके वापस आते ही प्रशासनिक पुनर्गठन की चर्चाएं तेज हो गई हैं। जिन आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा है, वे अब असमंजस में हैं। मंत्रालय से लेकर जिलों तक अधिकारियों के कार्यक्षेत्र में बड़े फेरबदल की तैयारी मानी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, प्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों के कलेक्टर बदले जा सकते हैं। अलीराजपुर, भिंड, धार, रतलाम, शिवपुरी, गुना, रीवा और जबलपुर जैसे जिलों में नए कलेक्टरों की नियुक्ति की संभावना है। जबलपुर के कलेक्टर दीपक सक्सेना को राज्य स्तर पर कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इसके अलावा, कई जिलों में अपर कलेक्टर और जॉइंट कलेक्टर की खाली पड़ी पोस्ट भी भरी जा सकती हैं।
प्रशासन इस बार विशेष रूप से यह सुनिश्चित करना चाहता है कि पति-पत्नी, यदि दोनों अधिकारी हों, तो उन्हें एक ही जिले में पदस्थ न किया जाए। पूर्व में इस तरह की नियुक्तियों को लेकर आलोचना होती रही है, इसलिए इस बार इस बात का खास ध्यान रखा जा रहा है।