Nag Panchami 2025 : जानिए किस दिन मनाई जाएगी नाग पंचमी, क्या है पूजा विधि और मुहूर्त

श्रावण माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है।

Jul 23, 2025 - 14:51
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Nag Panchami 2025 : जानिए किस दिन मनाई जाएगी नाग पंचमी, क्या है पूजा विधि और मुहूर्त
Nag Panchami 2025: Know on which day Nag Panchami will be celebrated, what is the method of worship and auspicious time

श्रावण माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष और सर्पदंश के भय से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही भय, रोग और जीवन में आने वाली परेशानियां भी नाग देवता की पूजा से दूर होती हैं। 

नाग देवता को आध्यात्मिकता से भी जोड़कर देखा जाता है इसलिए अध्यात्म के क्षेत्र में भी नाग देवता की पूजा से उन्नति मिलती है। हिंदू धर्म में मान्यता रखने वाले लोग इस दिन नाग देवता को स्नान करवाते हैं और उन्हें दूध पिलाते हैं। 

जुलाई के महीने में नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। जुलाई 2025 में इसकी तारीख को लेकर लोगों के मन में कई संदेह है कि आखिर यह त्यौहार किस तारीख को मनाया जाएगा। तो आइये जानते है किस दिन मनाया जाएगा नाग पंचमी का त्यौहार। 

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नाग पंचमी तारीख(Nag Panchami Date)

नाग पंचमी की पूजा श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को की जाती है। इस साल पंचमी तिथि की शुरुआत 28 जुलाई की रात 11:24 बजे से हो रही है और इसका समापन 30 जुलाई की रात 12:46 बजे होगा। ऐसे में कहा जा सकता है कि क्योंकि पंचमी तिथि का उदय 29 जुलाई को हो रहा है इसलिए नाग पंचमी का पर्व 29 जुलाई को मनाया जाएगा।

पूजा का शुभ मुहूर्त

नाग पंचमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 41 मिनट से 8 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।  

नाग पंचमी पूजा विधि(Naag Panchami Puja Vidhi)

  • नाग पंचमी के दिन सुबह स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनने चाहिए। 
  • इसके बाद गाय के गोबर से नाग का चित्र या प्रतिमा बनानी चाहिए। 
  • फिर नाग देवता का विधिवत आह्वान करें। 
  • यदि आप व्रत रखना चाहते हैं तो उसी समय व्रत का संकल्प लें। 
  • पूजा में नाग देवता को मेवा, गुलाल, अबीर, मेहंदी आदि अर्पित करें। 
  • पूजा करते समय मंत्र का जाप करना चाहिए।

इस मंत्र का कर सकते है जाप 

सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।

ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः॥
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः।
ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥

अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः।
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥

नाग पंचमी का  महत्व 

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष से आपको मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही भय, रोग और जीवन में आने वाली बाधाएं भी नाग देवता की पूजा से दूर होते हैं। नाग देवता को आध्यात्मिकता से भी जोड़कर देखा जाता है इसलिए अध्यात्म के क्षेत्र में भी नाग देवता की पूजा से उन्नति मिलती है।