सिहोर में 90 साल का बुजुर्ग किसान स्वयं ही जोत रहा खेत, वायरल वीडियो पर क्रांग्रेस ने दी प्रतिक्रिया
मध्यप्रदेश के सिहोर जिले में एक किसान का वीडियो देख हर कोई उसकी मेहनत को सलाम कर रहा है। 90 वर्षीय बुजुर्ग किसान स्वयं ही खेत जोत रहा है।

मध्यप्रदेश के सिहोर जिले में एक किसान का वीडियो देख हर कोई उसकी मेहनत को सलाम कर रहा है। 90 वर्षीय बुजुर्ग किसान स्वयं ही खेत जोत रहा है। इस वीडियो को देखकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामेन आ रही हैं। कोई किसान की मेहनत की तारीफ कर रहा है, तो कोई सरकार पर निशाना साध रहा है। खास बात यह है कि वीडियो केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र का है, किसान स्वयं गांव का सरपंच रह चुका है, लेकिन हालात ऐसे हैं कि उसके पास न ट्रैक्टर है, न बैल।
अमरोद गांव की घटना
यह मामला सीहोर जिले के ग्राम अमरोद का है, जो शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला भी है। यहां 90 वर्षीय अमर सिंह नामक किसान की मेहनत मदर इंडिया फिल्म की याद दिला रही है। संसाधनों की कमी के चलते किसान ने साइकिल के पहियों से देसी हल बनाकर खेत की जुताई की।
मप्र के सीहोर में 90 साल के किसान दंपत्ति खुद हल में जुते खेत जोतते दिखे। न ट्रैक्टर है, न बैल बस हौसला है। ये तस्वीर सरकारी 'किसान कल्याण' योजनाओं की जमीनी सच्चाई बयां करती है। जानकारी के लिए बता दूं यह कृषि मंत्री शिवराज सिंह का गृह और चुनाव क्षेत्र है।pic.twitter.com/YLCNkF7oKG — Hansraj Meena (@HansrajMeena) July 22, 2025
तीन एकड़ जमीन, लेकिन कोई संसाधन नहीं
वायरल वीडियो के बाद मिली जानकारी के मुताबिक अमर सिंह के पास तीन एकड़ कृषि भूमि है, लेकिन उनके पास खेत जोतने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है। आधुनिक सुविधाओं से वंचित किसान स्वयं ही अपने खेत को जोतने का कार्य कर रहा है।
कांग्रेस ने साधा निशाना
बुजुर्ग किसान के वीडियो को देखने के बाद सरकार पर निशाना साधा जा रहा है। तमाम योजनाओं का लाभ देने वाली सरकार के दावे झूठे साबित हो रहे हैं। क्रांग्रेस ने इस वीडियो को साझा कर कहा कथित किसान समृद्धि के दावों की हकीकत देखिए- केन्द्रीय कृषि मंत्री के अपने क्षेत्र में एक किसान को खुद ही खेत जोतने की मजबूरी झेलनी पड़ रही है।
पूर्व में रह चुके हैं सरपंच
स्थीनाय लोगों ने बताया कि अमर सिंह स्वयं ही गांव के सरपंच रह चुके हैं। 1989 से 1994 तक गांव के सरपंच पद संभाला। इस वीडियो में कितनी सच्चाई है और इस पर अब तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।