मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण का खेल अब भी जारी, झूल रहे छात्र 

मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर कोर्ट में तनातनी जारी है। हाल ही में इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में  27% ओबीसी आरक्षण को लेकर सुनवाई हुई।

Jul 23, 2025 - 14:49
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मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण का खेल अब भी जारी, झूल रहे छात्र 
The game of OBC reservation is still going on in Madhya Pradesh students are hanging in balance

मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर कोर्ट में तनातनी जारी है। हाल ही में इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में  27% ओबीसी आरक्षण को लेकर सुनवाई हुई। इसमें लोव सेवा आयोग से चयनित अभ्यर्थियों ने मांग की कि जब  27% आरक्षण कानून लागू है, तो फिर  13% पदों को होल्ड पर क्यों रखा गया है? उन्होंने कोर्ट से इस रोक को हटाने की अपील की है। 

राज्य सरकार की तरफ से पेश वकीलों ने भी कोर्ट में स्पष्ट किया कि सरकार ओबीसी को पूरा  27% आरक्षण देने के पक्ष में है। इस बात पर सुप्रीम कोर्ट ने जवाब देते हुए कहा हमने कब रोका है? 

क्या है असली मुद्दा?


मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा जिन पदों पर भर्तियां की जाती हैं, उनमें से मात्र 87 प्रतिशत पदों पर ही भर्ती की जाती है। 13% पदों को होल्ड कर दिया जाता है। 87:13 के अनुपात में 13 प्रतिशत पद होल्ड पर रहते हैं। जिनमें भर्तियां नहीं होती हैं। वहीं ओबीबीसी उम्मीदवारों का मानना है कि जब 27 प्रतिशत आरक्षण है तो भर्ती भी इसी के तहत होना चाहिए। 

ओबीसी आरक्षण का सफर:


मार्च 2019 में कमलनाथ सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% करने का निर्णय लिया था।

हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी, यह कहते हुए कि आरक्षण की सीमा 50% से ज्यादा नहीं हो सकती।

सितंबर 2021 में सरकार ने फिर से 27% आरक्षण की मंजूरी दी।

अगस्त 2023 में हाई कोर्ट ने 87:13 फॉर्मूला लागू कर दिया।

जनवरी 2025 में हाई कोर्ट ने इस फॉर्मूले के खिलाफ दायर याचिकाएं खारिज कर दीं और 27% आरक्षण का रास्ता साफ हो गया।

इसके बावजूद, 13 फरवरी 2025 को राज्य सरकार ने यह मामला सुप्रीम कोर्ट में उठाने का निर्णय लिया और शीघ्र सुनवाई के लिए आवेदन देने की पहल की।