प्रदेश के उपभोक्ताओं पर लादा जा रहा है 1900 करोड़ की बिजली चोरी का बोझ
नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही बिजली कंपनियों ने भले ही बिजली के टैरिफ में बढ़ोतरी कर दी है लेकिन उपभोक्ताओं के हितों की आवाज बुलंद कर रहे लोग अब भी अपनी लड़ाई को जारी रखे हुए हैं।

आंकड़ों और दस्तावेजों के साथ मुख्यमंत्री से की गई जांच की मांग
जबलपुर- नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही बिजली कंपनियों ने भले ही बिजली के टैरिफ में बढ़ोतरी कर दी है लेकिन उपभोक्ताओं के हितों की आवाज बुलंद कर रहे लोग अब भी अपनी लड़ाई को जारी रखे हुए हैं। बिजली महकमे से सेवानिवृत्त अभियंता और बिजली मामलों के जानकारी राजेंद्र अग्रवाल ने सीधे तौर पर आरोप लगाया है कि प्रदेश की बिजली कंपनियां बिजली चोरी से होने वाले 1900 करोड़ के घाटे की भरपाई करने उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ डाल रही है। दरअसल मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने 25 मार्च 2025 को बढ़ा हुआ बिजली का।टैरिफ जारी कर दिया है जिसे जानकर बिजली चोरी के घाटे की भरपाई के लिए उठाया गया कदम मान रहे हैं।
दस्तावेजों के साथ मुख्यमंत्री को भेजा पत्र -
बिजली मामलों के जानकार राजेंद्र अग्रवाल ने प्रदेश में बिजली की चोरी से होने वाले 1900 करोड़ के घाटे के दस्तावेजों के साथ मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। दस्तावेज की प्रमाणों के साथ उन्होंने अपने पत्र में इस बात का जिक्र किया है कि प्रदेश में बिजली की चोरी से 1900 करोड़ का घाटा हो रहा है और इस घाटे की भरपाई प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं से करने के लिए नए वित्तीय वर्ष में बिजली की दरों में 3.46 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। उनका कहना है कि प्रदेश के पूर्व क्षेत्र और मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों में बिजली की भारी चोरी हो रही है और इस बिजली की चोरी से होने वाले घाटे का खामियाजा प्रदेश के ईमानदार उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है, अगर इस पर अंकुश लगाया जाए तो बिजली के दामों में बढ़ोतरी की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।