राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में बड़ा फेरबदल, पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी बने अध्यक्ष 

पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर अपनी रणनीति को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम उठाए हैं।

Apr 30, 2025 - 13:59
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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में बड़ा फेरबदल, पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी बने अध्यक्ष 
Major reshuffle in National Security Advisory Board, former RAW chief Alok Joshi becomes chairman
  • सात सदस्य होगी कमिटी,
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कि कई अहम बैठकें

पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर अपनी रणनीति को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम उठाए हैं। इस क्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) का पुनर्गठन किया गया है। अब इस सात सदस्यीय बोर्ड का नेतृत्व पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी करेंगे। बोर्ड में तीनों सेनाओं के सेवानिवृत्त अधिकारी—पूर्व पश्चिमी एयर कमांडर एयर मार्शल पीएम सिन्हा, पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह, और रियर एडमिरल मोंटी खन्ना शामिल किए गए हैं। इसके अलावा, पूर्व आईपीएस अधिकारी राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह, तथा सेवानिवृत्त राजनयिक बी वेंकटेश वर्मा भी इस बोर्ड का हिस्सा होंगे।

पीएम मोदी ने की लगातार कई बैठकें-

इस घटनाक्रम से पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार कई अहम बैठकों की अध्यक्षता की। इनमें कैबिनेट समिति सुरक्षा (CCS), राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA) और आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) की बैठकें शामिल थीं। बाद में एक पूर्ण कैबिनेट बैठक भी हुई।

विशेष रूप से CCS की बैठक में पहलगाम हमले के बाद देश की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की गई। इससे पहले 23 अप्रैल को भी इसी मुद्दे पर बैठक हो चुकी थी, जिसमें हमले में मारे गए 25 भारतीयों और एक नेपाली नागरिक की हत्या की कड़ी निंदा की गई थी। सरकार ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।

तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ उच्चस्तरीय बैठक-

मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, तीनों सेनाओं के प्रमुखों, और सीडीएस जनरल अनिल चौहान के साथ उच्चस्तरीय बैठक की थी। इसमें प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई राष्ट्रीय प्राथमिकता है। उन्होंने सशस्त्र बलों को पूरी स्वतंत्रता दी है कि वे प्रतिक्रिया की रणनीति, समय और लक्ष्य खुद तय करें।