सागर से लापता लेफ्टिनेंट कर्नल चार दिन बाद एक होटल में सुरक्षित मिले

महार रेजीमेंट सेंटर (MRC), सागर में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल प्रदीप कुमार निगम, जो पिछले चार दिनों से लापता थे, गुरुवार को उत्तर प्रदेश के ललितपुर में एक होटल से सुरक्षित बरामद कर लिए गए हैं।

Jun 5, 2025 - 17:15
 20
सागर से लापता लेफ्टिनेंट कर्नल चार दिन बाद एक होटल में सुरक्षित मिले
Lieutenant Colonel missing from Sagar found in a hotel room after four days


महार रेजीमेंट सेंटर (MRC), सागर में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल प्रदीप कुमार निगम, जो पिछले चार दिनों से लापता थे, गुरुवार को उत्तर प्रदेश के ललितपुर में एक होटल से सुरक्षित बरामद कर लिए गए हैं। कैंट थाना पुलिस और सेना की विजिलेंस टीम ने उन्हें होटल के एक कमरे में ठहरे हुए पाया। इसके बाद पुलिस उन्हें सकुशल सागर वापस लेकर आई। इस दौरान वे लगातार गायब रहने के कारण जो घटनाएं घटीं, उनके बारे में पूछताछ की जा रही है। सागर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनके मिलने की पुष्टि की है।

मॉर्निंग वॉक पर निकले, फिर नहीं लौटे

लेफ्टिनेंट कर्नल निगम सोमवार सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे और फिर वापस नहीं लौटे। सेना ने पहले उन्हें अपने स्तर पर खोजने की कोशिश की, लेकिन जब कोई जानकारी नहीं मिली, तो शाम को कैंट थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। वे अपना मोबाइल फोन घर पर छोड़कर निकले थे, जिससे उनके साथ किसी अनहोनी की आशंका जताई जा रही थी।

एटीएम ट्रांजैक्शन से मिला सुराग

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि उनके एटीएम कार्ड से ललितपुर में पैसे निकाले गए हैं, जिसके बाद पुलिस की टीम तुरंत ललितपुर रवाना हुई। वहां जांच-पड़ताल के बाद लेफ्टिनेंट कर्नल निगम एक होटल में मिले, जहां वे किराए पर कमरा लेकर ठहरे थे। इसके बाद पुलिस उन्हें वापस सागर ले आई और अब उनसे पूछताछ की जा रही है।

‘मुझे होश नहीं कैसे पहुंचा ललितपुर’

शुरुआती पूछताछ में लेफ्टिनेंट कर्नल निगम ने बताया कि उन्हें यह भी याद नहीं कि वे ललितपुर कैसे पहुंचे। वे जिन कपड़ों में घर से निकले थे, वही कपड़े पहनकर मिले। इस वक्त उनके परिवार के सदस्य और सेना के अधिकारी भी कैंट थाने में मौजूद हैं। पुलिस और सेना की टीम सभी पहलुओं से मामले की जांच कर रही है।

गौरतलब है कि लेफ्टिनेंट कर्नल की तलाश के लिए सेना और पुलिस ने व्यापक अभियान चलाया था, जिसमें एमआरसी क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और सोशल मीडिया का सहारा लिया गया था। आर्मी इंटेलिजेंस भी इस खोजबीन में शामिल थी।