RCB विक्ट्री परेड: एक अफवा ने ले ली कई जिंदगियां , परेड के दौरान दर्दनाक हादसा
आईपीएल 2025 समाप्त हो चूका है और इस सीजन के विनर का खिताब RCB के पास गया है। 18 साल बाद जीती RCB की टीम का जश्न पूरा देश मना रहा है।

- 11 की मौत और कई घायल,
- सितारों ने जताया शोक
आईपीएल 2025 समाप्त हो चूका है और इस सीजन के विनर का खिताब RCB के पास गया है। 18 साल बाद जीती RCB की टीम का जश्न पूरा देश मना रहा है। ऐसे में बुधवार को RCB की विक्ट्री परेड निकाली गई थी। इस विक्ट्री परेड के दौरान जो हुआ इसकी उम्मीद किसी को न थी। इस दिल दहला देने वाले वाख्या ने सभी को हैरान कर दिया है।
बेंगलुरु में बुधवार शाम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की IPL जीत के जश्न के दौरान एक बेहद दर्दनाक हादसा हुआ। चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 47 से अधिक लोग घायल हो गए। यह हादसा उस वक्त हुआ जब भारी संख्या में प्रशंसक स्टेडियम के बाहर टीम की एक झलक पाने के लिए इकट्ठा हुए थे।
जीत का जश्न मातम में बदला -
RCB ने 18 साल के लंबे इंतज़ार के बाद पहली बार IPL ट्रॉफी जीती। इस जीत का जश्न मनाने के लिए चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर लोगों की भारी भीड़ जमा थी। इसी दौरान यह अफवाह फैल गई कि गेट नंबर 7 पर RCB की ओर से फ्री पास बांटे जा रहे हैं। बस यही अफवाह इस हादसे की वजह बन गई। हजारों लोग गेट की ओर दौड़ पड़े और देखते ही देखते भगदड़ मच गई।
हादसे में जान गवाने वाले ज्यादातर युवा-
हादसे में जान गंवाने वालों में ज्यादातर युवा थे, जिनकी उम्र 13 से 33 साल के बीच थी। इस हादसे ने कई परिवारों को तोड़कर रख दिया। सबसे कम उम्र की मृतक 13 वर्षीय दिव्यांशी थी, जो अपने भाई के साथ आई थी।
मृतकों की सूची:
- दिव्यांशी (13)
- शिवलिंग (17)
- चिन्मयी (19)
- प्रज्वल (20)
- श्रवण (20)
- भूमिक (20)
- सहाना (25)
- अक्षता (27)
- देवी (29)
- दोरेशा (32)
- मनोज (33)
जानिए कौन है देवी-
29 वर्षीय देवी, जो बेंगलुरु की एक टेक कंपनी में काम करती थीं, विराट कोहली की एक बड़ी फैन थीं। देवी ने ऑफिस से कुछ घंटे की छुट्टी लेकर विक्ट्री परेड देखने का फैसला लिया। उन्हें टिकट नहीं मिला, लेकिन उन्हें उम्मीद थी कि शायद स्टेडियम जाकर कोई रास्ता निकल आए। ऑफिस से निकलते समय उन्होंने अपनी दोस्त को मैसेज किया कि वह मेट्रो पकड़ रही हैं। लेकिन वह मैसेज ही उनकी आखिरी आवाज साबित हुआ।
उनकी दोस्त ने बताया कि देवी का लैपटॉप आज भी मेज पर वैसे ही रखा है। वो हमेशा बेंगलुरु में होने वाले मैचों को देखने जाती थीं। मगर इस बार भाग्य ने साथ नहीं दिया, और RCB की जीत का जश्न उनके लिए मौत का पैगाम बन गया।
स्टेडियम में उम्मीद से ज्यादा उमड़ी भीड़-
चिन्नास्वामी स्टेडियम की क्षमता लगभग 40,000 लोगों की है, लेकिन इस दिन वहां 2-3 लाख लोग सड़कों पर उमड़ पड़े। पुलिस और प्रशासन इतनी भारी भीड़ को संभाल नहीं पाई। फ्री पास की झूठी खबर के चलते लोग गेट नंबर 7 पर टूट पड़े, और भारी भीड़ के नीचे कई लोग दब गए।
वापस नहीं लौटे बेटे का पिता ने मांगा शव-
एक पिता, जिसने इस भगदड़ में अपने इकलौते बेटे को खो दिया, अधिकारियों से गिड़गिड़ाते हुए बोले "कम से कम उसका शव मुझे दे दो, पोस्टमार्टम मत करो, उसे टुकड़ों में मत काटो।" उनका बेटा उन्हें बताए बिना जश्न में शामिल होने गया था। अब पिता की आंखों में सिर्फ आंसू हैं और सवाल, क्या यह हादसा रोका नहीं जा सकता था?
सेलेब्रिटीज ने जताया दुःख-
इस दुखद हादसे पर कई फिल्मी सितारों ने दुःख जताया है जिसमें अभिनेता कमल हासन, आर माधवन और सुनील शेट्टी समेत कई प्रमुख हस्तियों शामिल है।
कमल हासन:
कमल हासन ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा 'मैं बहुत दुखी हूं और इस दुख की घड़ी में मैं पीड़ित परिवारों के साथ हूं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।'
आर माधवन:
अभिनेता आर. माधवन ने दुर्घटना पर शोक जताते हुए कहा, "यह एक बेहद दुखद घटना है। मेरा दिल पीड़ित परिवारों के साथ है। सभी से अनुरोध है कि वे सतर्क और जिम्मेदार बने रहें। बिना किसी आधिकारिक पुष्टि के अफवाहों पर ध्यान न दें।"
सुनील शेट्टी:
अभिनेता सुनील शेट्टी ने एक्स पर पोस्ट किया 'खुशी का एक पल... गम में बदल गया!!! बेंगलुरु में जान गंवाने वालों के बारे में सुनकर दिल को ठेस पहुंची है। उन परिवारों के लिए प्रार्थना करता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है।'
विवेक ओबेरॉय:
अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने एक्स पर लिखा, "अपने किसी करीबी को खोना बेहद पीड़ादायक होता है, खासकर तब जब क्रिकेट का जश्न मनाने का समय हो। इस दुखद हादसे से प्रभावित परिवारों और दोस्तों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है। हम आपके साथ हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि आपको शक्ति और शांति मिले।"
सोनू सूद:
अभिनेता सोनू सूद ने हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, "बेंगलुरु में आईपीएल का जश्न मनाते वक्त हुआ यह हादसा बेहद दिल दहला देने वाला है। कोई भी जश्न जिंदगी से बड़ा नहीं है। पीड़ित परिवारों के लिए प्रार्थना कर रहा हूं।'
कोई भी जश्न, किसी की जिंदगी से बड़ा नहीं-
यह हादसा एक बड़ा सबक है कि भीड़भाड़ वाले आयोजनों में किस तरह की सावधानी और तैयारी की जरूरत होती है। एक झूठी अफवाह, कमजोर इंतजाम और लाखों की भीड़ मिलकर कैसे एक जश्न को मातम में बदल सकती है यह बेंगलुरु की उस शाम ने सबको दिखा दिया।
अब वक्त है कि आयोजक, प्रशासन और हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसा कोई हादसा दोहराया न जाए। क्योंकि कोई भी जश्न, किसी की जिंदगी से बड़ा नहीं होता।