मध्यप्रदेश: फर्जी निकली डॉक्टर की डिग्री, हुई सात लोगों की मौत 

मध्य प्रदेश में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक फर्जी डॉक्टर की गिरफ्तारी की गई है। इस डॉक्टर पर कम से कम सात लोगों की मौत का कारण बनने का आरोप है।

Apr 8, 2025 - 14:59
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मध्यप्रदेश: फर्जी निकली डॉक्टर की डिग्री, हुई सात लोगों की मौत 
Madhya Pradesh: Doctor's degree turned out to be fake, seven people died

मध्य प्रदेश में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक फर्जी डॉक्टर की गिरफ्तारी की गई है। इस डॉक्टर पर कम से कम सात लोगों की मौत का कारण बनने का आरोप है। पुलिस के अनुसार, आरोपी शुभम अवस्थी ने फर्जी आयुष डिग्री के आधार पर सरकारी अस्पताल में काम कर रहा था और भाजपा जबलपुर जिला चिकित्सा प्रकोष्ठ का सह-संयोजक भी था।

धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज

जबलपुर जिले की सिविल लाइंस थाने ने कोर्ट के आदेश के बाद शुभम अवस्थी के खिलाफ धोखाधड़ी दर्ज किया है। इंस्पेक्टर नेहरू सिंह खंडाते ने बताया, "शुभम अवस्थी पर फर्जी आयुष डिग्री के माध्यम से सेठ गोविंद दास जबलपुर जिला अस्पताल (पूर्व में विक्टोरिया अस्पताल) में काम करने का आरोप है। कोर्ट के निर्देशों के तहत मामला दर्ज किया गया है।"

भाजपा की प्रतिक्रिया

इस घटना पर भाजपा जबलपुर नगर प्रमुख रत्नेश सोनकर ने कहा कि पार्टी ऐसे मामलों को बर्दाश नहीं करती और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, "घटना की जानकारी मिलने के बाद मैंने व्यक्तिगत रूप से जांच शुरू की है। भाजपा किसी भी गलत आचरण को स्वीकार नहीं करती।"

पार्टी से संबंध दो साल पहले समाप्त

जानकारी के मुताबिक, शुभम अवस्थी का भाजपा से संबंध था, लेकिन दो साल पहले उसे पार्टी के पद से हटा दिया गया था। मध्य प्रदेश भाजपा के चिकित्सा प्रकोष्ठ के सह-संयोजक अश्विनी त्रिवेदी ने कहा, "हाँ, वह पहले हमारे साथ था, लेकिन आरोप लगने के बाद दो साल पहले उसे पद से हटा दिया गया था।"

शिकायतकर्ता शैलेंद्र बारी ने बताया कि उन्हें अपने एक मित्र से पता चला कि अवस्थी ने 2020-21 के दौरान जिला अस्पताल में फर्जी आयुष डॉक्टर के रूप में काम किया था। बारी ने आरटीआई के माध्यम से उसकी शैक्षणिक योग्यता की जानकारी ली।

"आरटीआई के जवाब से पता चला कि वह किसी भी विश्वविद्यालय या सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज में छात्र नहीं था," बारी ने कहा। इसके बाद अवस्थी ने अस्पताल से इस्तीफा दे दिया था।

न्यायिक आदेश के बाद कार्रवाई

न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की अदालत ने 14 फरवरी को सिविल लाइंस पुलिस को मामले की जांच करने का आदेश दिया था, जिसके बाद पुलिस ने अब एफआईआर दर्ज की है और जांच शुरू कर दी।