पाकिस्तानी पिता, भारतीय मां के नौ बच्चे, धर्मसंकट में फंसी एमपी सरकार
जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसके तहत देश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने की योजना बनाई जा रही है। इसी बीच, मध्य प्रदेश में एक जटिल मामला सामने आया है, जहां पाकिस्तानी पिता और भारतीय मां से जन्मे 9 बच्चों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सरकार इस पर फैसला नहीं कर पा रही है कि इन बच्चों को पाकिस्तान भेजा जाए या भारत में ही रहने दिया जाए। इसके अलावा, एक पाकिस्तानी नागरिक ने 25 अप्रैल को लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) के लिए आवेदन किया है, जिस पर भी सरकार को निर्णय लेना बाकी है।
मध्य प्रदेश में ऐसे 9 बच्चे सामने आए हैं जिनके पिता पाकिस्तानी नागरिक हैं जबकि माताएं भारतीय हैं। अब सरकार के सामने यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि इन बच्चों का भविष्य क्या होगा। क्या इन्हें पाकिस्तान भेजा जाए या भारत में रहने की अनुमति दी जाए? इस मुद्दे को लेकर अधिकारी भी असमंजस में हैं और किसी स्पष्ट निर्णय पर नहीं पहुंच पाए हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर जानकारी दी कि भारतीय माताओं और पाकिस्तानी पिताओं से जन्मे 9 बच्चों के मामले में उन्होंने केंद्र सरकार से मार्गदर्शन मांगा है। इन बच्चों में से चार इंदौर में अपनी माताओं के साथ रह रहे हैं, तीन जबलपुर में और दो भोपाल में हैं। इसके साथ ही, अधिकारी ने उस पाकिस्तानी नागरिक के बारे में भी केंद्र से सलाह ली है, जिसने 25 अप्रैल को लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) के लिए आवेदन किया है।
सूत्रों के अनुसार, मध्य प्रदेश सरकार ने कश्मीर से आए छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं। केंद्र सरकार के आदेशानुसार, मध्य प्रदेश के जिन 14 लोगों को देश छोड़ना था, उनमें ये 9 बच्चे भी शामिल हैं। हालांकि, इन 14 में से अब तक तीन लोग भारत छोड़कर पाकिस्तान जा चुके हैं, जबकि एक व्यक्ति किसी काम से दिल्ली गया हुआ है। एक अन्य अधिकारी ने जानकारी दी कि वर्तमान में मध्य प्रदेश में विभिन्न प्रकार के वीजा पर 228 पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं।
केंद्र सरकार ने सोमवार को स्पष्ट रूप से कहा कि जो पाकिस्तानी नागरिक निर्धारित समय सीमा के भीतर भारत नहीं छोड़ेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा सकता है और उनके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। नियमों के तहत, उन्हें तीन साल तक की जेल, तीन लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों सजाएं एक साथ दी जा सकती हैं।
गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, भारत में विभिन्न वीजा श्रेणियों पर रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के लिए अलग-अलग तारीखों तक देश छोड़ने की समय सीमा निर्धारित की गई है। सार्क वीजा धारकों को 26 अप्रैल तक भारत छोड़ने का आदेश दिया गया था, जबकि आगमन पर वीजा, व्यापार, फिल्म, पत्रकार, पारगमन, सम्मेलन, पर्वतारोहण, छात्र, आगंतुक, समूह पर्यटक और तीर्थयात्री वीजा धारकों के लिए अंतिम तिथि 27 अप्रैल थी। इसी दिन पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों को दिए गए समूह तीर्थयात्री वीजा पर आए नागरिकों को भी भारत छोड़ना था। मेडिकल वीजा धारकों को 29 अप्रैल तक देश छोड़ने का निर्देश दिया गया था।
इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने साफ किया है कि अब किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को नया वीजा जारी नहीं किया जाएगा। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 25 अप्रैल को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक तय समयसीमा के बाद भारत में न रुके।