जबलपुर में जन्म लेना गर्व की बात है
जबलपुर में पाटन रोड पवई हनुमान मंदिर में आयोजित हो रही श्रीमद भागवत कथा में वृंदावन के युवा कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय जी महाराज को सुनने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं।

जबलपुर में पाटन रोड पवई हनुमान मंदिर में आयोजित हो रही श्रीमद भागवत कथा में वृंदावन के युवा कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय जी महाराज को सुनने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। पवई हनुमान मंदिर धाम में आयोजित इस कथा में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। इंद्रेश जी महाराज का कथा वाचन का निराला और सुरमयी अंदाज हर किसी को भा रहा है। उनके दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ यह बता रही है कि लोगों का आध्यात्म के प्रति लगाव बढ़ रहा है। उनकी इस कथा में आज मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव भी शिरकत करेंगे। इस अवसर पर इंद्रेश उपाध्याय जी महाराज से मुलाकात हुई और उन्होंने बढ़ते उपराधों के बारे में बात की और कहा कि अब समय आ गया है जब समाज को सही दिशा और दशा देने की जरूरत है।
प्रेम में पड़कर हत्या कर देना प्रेम है ही नहीं
इंद्रेश उपाध्याय से जब पूछा गया कि आप प्रेम की नगरी वृंदावन से आते है। क्या किसी तीसरे के प्रेम में पड़कर पति या पत्नी की हत्या कर देना प्रेम है ? तब महाराज जी ने कहा कि यह प्रेम हो नहीं सकता। यह राक्षस वृत्ति है। जिसमें कुछ दिनों का आकर्षण है एक-दूसरे के प्रति और उसी आकर्षण में व्यक्ति इस तरह के कृत कर रहा है। यह मानसिक विकृति है। इसे प्रेम कहा ही नहीं जा सकता।
युवाओं को दिया यह संदेश
27 वर्षीय इंद्रेश जी उपाध्याय के सबसे ज्यादा युवा फॉलोवर्स है। जिन्हें वे अपनी वाणी से सही दिशा दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय ने कहा कि युवाओं को सदैव मातृ-पितृ सेवा करना चाहिए। आध्यात्मक के प्रति रुचि रखना चाहिए। इसके साथ ही सत्संग करना चाहिए। इससे सही आचरण बना रहता है। महाराज जी ने जबलपुर वासियों से कहा कि यह गर्व की बात की रेवा किनारे जबलपुर में आप सभी का जन्म हुआ है।