भारत सरकार का फरमान,सैमसंग को चुकाना होगा 4400 करोड़ रुपये का टैक्स

भारत में मशहूर सैमसंग कंपनी को एक बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। भारत सरकार ने कंपनी को लगभग 520 मिलियन डॉलर का टैक्स चुकाने का निर्देश दिया है।

May 4, 2025 - 15:07
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भारत सरकार का फरमान,सैमसंग को चुकाना होगा 4400 करोड़ रुपये का टैक्स
Indian government's order, Samsung will have to pay tax of Rs 4400 crore

नेटवर्किंग उपकरणों को गलत तरीके से घोषित कर टैक्स बचाने का आरोप 

भारत में मशहूर सैमसंग कंपनी को एक बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। भारत सरकार ने कंपनी को लगभग 520 मिलियन डॉलर (करीब 4400 करोड़ रुपये) का टैक्स चुकाने का निर्देश दिया है। कंपनी पर आरोप है कि उसने विदेश से लाए गए नेटवर्किंग उपकरणों को गलत तरीके से दिखाया। कंपनी इस आदेश को चुनौती दे रही है।

सैमसंग का कहना रिलायंस जियो ने भी मंगवाए उपकरण-

कंपनी का कहना है कि भारतीय अधिकारियों को इस बारे में पहले से ही जानकारी थी। सैमसंग का कहना है कि रिलायंस जियो ने भी ऐसे ही उपकरण बिना टैक्स दिए मंगवाए थे। कंपनी का यह भी आरोप है कि  रिलायंस ने उन्हें टैक्स के बारे में पहले से मिली चेतावनी के बारे में नहीं बताया। सैमसंग को टैक्स और जुर्माना मिलाकर कुल 601 मिलियन डॉलर चुकाने पड़ सकते हैं।

सैमसंग ने कि टैक्स रद्द करने की अपील-

सैमसंग ने मुंबई में एक भारतीय ट्रिब्यूनल में 281 पेज की अपील दायर कर टैक्स की मांग को रद्द करने को कहा। कंपनी का दावा है कि उसने किसी भी जानकारी को छिपाया नहीं और अधिकारी उसके बिजनेस मॉडल से पूरी तरह वाकिफ थे। सैमसंग के अनुसार, 2018 से 2021 के बीच उसने जो उपकरण रिलायंस जियो को बेचे, उन्हें लेकर टैक्स अधिकारियों ने कभी आपत्ति नहीं जताई।

जर्मन कार निर्माता पर भी लगा था आरोप-

सैमसंग से पहले जर्मन कार निर्माता फॉक्सवैगन भी भारत सरकार की टैक्स मांग को अदालत में चुनौती दे चुके  है। उस पर करीब 1.4 अरब डॉलर का टैक्स भरने का दबाव था, क्योंकि उसने भी अपने उत्पादों को कथित रूप से गलत तरीके से दिखाया था।

 रिलायंस ने मिली चेतावनी की बात छिपाई-

कंपनी का कहना है कि 2017 में टैक्स अधिकारियों ने रिलायंस को चेतावनी दी थी, लेकिन उसने यह बात सैमसंग से छिपाई। इतना ही नहीं, अधिकारियों ने खुद भी कभी सैमसंग से इस मुद्दे पर सवाल नहीं किया। याचिका में कहा गया कि विभाग को सब कुछ पता था, फिर भी अब कंपनी पर भारी टैक्स और जुर्माना लगाया जा रहा है।