रात को काम करने से महिलाओं में बढ़ सकता है अस्थमा 

आजकल बहुत सी महिलाएं रात को नाईट शिफ्ट करती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका असर उनके स्वास्थ्य पर क्या गंभीर असर डाल सकता है।

Jun 16, 2025 - 17:25
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रात को काम करने से महिलाओं में बढ़ सकता है अस्थमा 
Working at night may increase asthma in women

जानिए महिलाओं में अस्थमा बढ़ने पर क्या बोलें विशेषज्ञ 

आजकल बहुत सी महिलाएं रात को नाईट शिफ्ट करती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका असर उनके स्वास्थ्य पर क्या गंभीर असर डाल सकता है ? हाल ही में किए गए एक बड़े अध्ययन में पाया गया की रात में काम करने वाली महिलाओं को दिन में काम करने वाली महिलाओं की तुलना में अस्थमा होने का खतरा ज्यादा होता है। यह खतरा मॉडरेट या सीवियर अस्थमा का रूप ले लेता है और इसकी संभावना लगभग 50% बढ़ जाती है। 2.7 लाख से ज्यादा लोगों पर एक रिसर्च की गई जिसमें देखा गया की नाईट शिफ्ट में काम करना महिलाओं के लिए ज्यादा नुकसानदायक साबित हो सकता है। 

पुरुष की तुलना में महिलाओं को होने की संभावना ज्यादा-

ब्रिटेन के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के डॉ. रॉबर्ट मैडस्टोन का कहना है कि अस्थमा की बीमारी महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज़्यादा गंभीर रूप से प्रभावित करती है। महिलाओं में अस्थमा के चलते अस्पताल में भर्ती करने और मौत का खतरा भी ज़्यादा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि यह पहला अध्ययन है जिसमें शिफ्ट वर्क और अस्थमा के बीच महिला और पुरुष के आधार पर अंतर को जांचा गया है। 

क्या था रिसर्च सैंपल- 

इस रिसर्च के लिए 274,541 वर्किंग लोगों की जानकारी का अनालिसिस किया गया। जिनमें से 5.3% को अस्थमा था और 1.9% लोग मध्यम या गंभीर अस्थमा से पीड़ित थे। इसका मतलब है कि वे नियमित रूप से अस्थमा की दवाएं जैसे इन्हेलर और स्टेरॉयड ले रहे थे। 

शिफ्ट में काम करने से बिगड़ जाती है बायोलॉजिकल क्लॉक- 

रिसर्च से यह भी पता चला कि जो महिलाएं खासकर नाईट शिफ्ट में काम कर है उनमें अस्थमा की संभावना ज़्यादा होती है। हालांकि यह साफ नहीं है कि ऐसा क्यों होता है लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि शिफ्ट में काम करने से शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक बिगड़ जाती है जिससे हार्मोन में बदलाव आता है। चूंकि महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की मात्रा कम होती है जो अस्थमा से बचाव में मदद कर सकता है इसलिए यह एक वजह हो सकती है।

इन परिस्थितियों में बढ़ सकता है जोखिम- 

इसके अलावा पुरुष और महिलाएं अलग-अलग तरह की नौकरियों में काम करते हैं जिससे उनके शारीरिक जोखिम भी अलग हो सकते हैं। रिसर्च में यह भी पाया गया कि जिन महिलाओं को मासिक धर्म बन हो चूका और जो एचआरटी (हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी) नहीं ले रही हैं उनके लिए रात में काम करना और भी ज़्यादा जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे मामलों में अस्थमा का खतरा लगभग दोगुना हो सकता है।

डॉ. मैडस्टोन का कहना है कि एचआरटी शायद कुछ हद तक नाईट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं को अस्थमा से बचा सकता है लेकिन इस पर अभी और गहराई से रिसर्च करने की ज़रूरत है। आगे चलकर वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश करेंगे कि क्या सेक्स हार्मोन शिफ्ट वर्क और अस्थमा के बीच संबंध में कोई भूमिका निभाते हैं।