एमपी में खुलने जा रहा है कचरा कैफे, कचरे के बदले मिलेंगे पैसे, भोजन और किराने का सामान 

प्रशासन द्वारा भोपाल में कचरा कैफे की शुरूआत की जा रही है। जिसमें प्लास्टिक कचरा, कागज और इलेक्ट्रॉनिक कचरे के बदले लोगों को भोजन के साथ ही रोजमर्रा की जरूरत का सामान मिल सकेगा।

Jun 19, 2025 - 16:31
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एमपी में खुलने जा रहा है कचरा कैफे, कचरे के बदले मिलेंगे पैसे, भोजन और किराने का सामान 
Garbage cafe is going to open in MP money food and grocery items will be given in exchange of garbage


मध्यप्रदेश में एक खास पहल की जाने वाली है। जिससे प्लास्टिक मुक्त वातावरण को बल मिलेगा। प्रशासन द्वारा भोपाल में कचरा कैफे की शुरूआत की जा रही है। जिसमें प्लास्टिक कचरा, कागज और इलेक्ट्रॉनिक कचरे के बदले लोगों को भोजन के साथ ही रोजमर्रा की जरूरत का सामान मिल सकेगा। उन्हें कचरे के बदले क्या मिलेगा ये बात कचरा लाने वाली की जरूरत पर निर्भर करेगा। यदि किसी को कचरे के बदले पैसे चाहिए हो तो उसे पैसे भी दिए जाएंगे। 

तीन जगहों पर खुलेगा कचरा कैफे 


भोपाल में तीन जगहों पर कैफे खोले जाएंगे। इसमें दस नंबर मार्केट की फुलवारी, बिट्टन मार्केट के साथ ही बोट क्लब शामिल हैं। एक कैफे के माध्यम से लोग अपने कचरे को यहां पर लाकर देंगे और उसके बदले पैसे, खाने का सामान व अन्य जरूरी सामान को ले सकेंगे। यहां पर लोगों को मार्केट रेट से 5 रुपए अधिक कीमत दी जाएगी। प्लास्टिक, पेपर, इलेक्ट्रॉनिक सामान इन्हें यहां पर एक्सचेंज किया जा सकता है। लोगों के लिए कचरा कैफे काफी फायदेमंद साबित होने वाला है। 

स्व-सहायता समूह की महिलाओं को मिली जिम्मेदारी


कचरा कैफे को चलाने की जिम्मेदारी स्व-सहायता समूह की महिलाएं को दी गई है। इस कैफे की एक खास बात यह है कि यहां जरूरतमंद लोग थोड़ी मात्रा में कचरा लाकर बदले में छोले-चावल जैसा पौष्टिक भोजन प्राप्त कर सकते हैं। अगर वे भोजन नहीं लेना चाहते, तो उसकी जगह किसी अन्य आवश्यक वस्तु को भी ले सकते हैं।

प्लास्टिक पर लगेगी रोक

 
कचरा कैफे के संबंध पर नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि राजधानी में निकलने वाले कचरे में आधे से ज्यादा प्रतिबंधित प्लास्टिक कचरा होता है। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक कचरा, लोहा, सीसा और कागज भी कचरे में मिलता है। इस कचरे को अलग करना बहुत महंगा पड़ता है। कचरा कैफे में मिलने वाले सामान और खाने की वजह से ज्यादा से ज्यादा लोग कचरा लेकर आएंगे और फिर इसे आसानी से अलग किया जा सकेगा। फिर इसे प्रोसेस के लिए आगे भेजा जा सकेगा।