धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने लंदन में बढ़ाया भारत का मान, ब्रिटिश संसद में गूंजी हनुमान चालीसा
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री हमेशा से सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करते रहे हैं। इन दिनों वे विदेश में देश का गौरव बढ़ा रहे हैं।

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री हमेशा से सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करते रहे हैं। इन दिनों वे विदेश में देश का गौरव बढ़ा रहे हैं। लंदन में आयोजित विशेष कार्यक्रम में उन्हें मानवता के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। खास बात यह रही कि ब्रिटिश संसद कक्ष में हनुमान चालीसा का पाठ हुआ। जिसकी गूंज ने पूरे वातावरण को ऊर्जा से भर दिया।
सेवा कार्यों की मिली सराहना
कार्यक्रम में पंडित शास्त्री द्वारा भारत में किए जा रहे सामाजिक कार्यों की सराहना की गई। इनमें गरीब कन्याओं के विवाह, अन्नपूर्णा सेवा के तहत हजारों लोगों को भोजन उपलब्ध कराना और जरूरतमंद मरीजों के लिए कैंसर अस्पताल की स्थापना जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं। शास्त्रीजी ने कहा कि उन्हें यह प्रेरणा हमारे शास्त्रों और सनातन संस्कृति से प्राप्त होती है, जो ‘नर को नारायण मानकर सेवा’ की शिक्षा देती है।
भारतवंशियों को बागेश्वर धाम आने का निमंत्रण
अपने संबोधन में धीरेंद्र शास्त्री ने लंदन में बसे भारतवंशियों और अन्य लोगों को बागेश्वर धाम आने का निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय जीवनशैली और सनातन धर्म विश्व शांति का सबसे श्रेष्ठ मार्ग हैं। एक सच्चा सनातनी संपूर्ण विश्व को अपना परिवार मानता है और सबके कल्याण की भावना रखता है।
ब्रिटिश संसद में हुआ हनुमान चालीसा पाठ
पहली बार ब्रिटेन की संसद में हनुमान चालीसा का पाठ हुआ, जो वहां उपस्थित सभी लोगों के लिए एक अद्भुत अनुभव था। यह वह स्थान है, जहां कभी भारत की बात नहीं सुनी जाती थी, और आज वहां भारतीय संस्कृति की गूंज सुनाई दी। शास्त्रीजी की उपस्थिति में सांसदों और अन्य मेहमानों ने मिलकर पाठ किया।
भगवद गीता पढ़कर बदला जीवन
कार्यक्रम में मौजूद पाकिस्तानी मूल के मोहम्मद आरिफ ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे भगवद गीता पढ़ने के बाद उन्होंने हिंदू धर्म स्वीकार किया। उन्होंने पंडित शास्त्री से पूछा कि क्या हिंदू बनने के लिए नाम बदलना आवश्यक है, या बिना नाम बदले भी कोई सनातनी बन सकता है।