क्या है नॉन-वेज मिल्क, क्या भारत में भी शुरू होगी इसकी बिक्री
इन दिनों हर जगह नॉनवेज मिल्क खूब सुर्खियों में बना हुआ है। इसके पीछे की वजह यह है कि भारत जैसे देश में दूध को एक परंपरागत पेय माना गया है।

जानिए अमेरिका-इंडिया ट्रेड डील के बारे में
भारत एक ऐसा देश है जहा आजकल लोग अक्सर नॉन-वेज खाने से परहेज कर रहे है। अगर किसी चीज में नॉनवेज या जानवरों की चर्बी और फैट का इस्तेमाल होता है तो लोग वह भी खाना पसंद नहीं करते हैं। ऐसे में अगर आपको सुनने मिले की अब दूध भी नॉन-वेज हो सकता है तो यह बात चौकाने वाली होगी।
सुर्खियों में नॉनवेज मिल्क
इन दिनों हर जगह नॉनवेज मिल्क खूब सुर्खियों में बना हुआ है। इसके पीछे की वजह यह है कि भारत जैसे देश में दूध को एक परंपरागत पेय माना गया है। इतना ही नहीं दूध को पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों में भी इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में दूध के नॉनवेज यानी मांसाहारी होने की बात सुनकर हर कोई हैरान परेशान है।
भारत और अमेरिका की ट्रेड डील
भारत और अमेरिका की बीच चल रही ट्रेड डील के चलते नॉनवेज मिल्क सुर्खियों में आया है। इस डील के सहारे अमेरिका चाहता है कि भारत नॉनवेज मिल्क के लिए अपना बाजार खोले। लेकिन, भारत में दूध से जुड़ी मान्यताओं को देखते हुए भारत ने इसपर प्रतिबंध लगा रखा है। अगर भारत में नॉनवेज मिल्क बिकता है तो यह एक मुश्किल स्थिति पैदा कर सकता है।
क्या है नॉनवेज मिल्क?
भारत में गाय और भैंस का दूध सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। गाय, भैंस के अलावा कुछ लोग बकरी और ऊंट के दूध का भी इस्तेमाल करते हैं। यह सभी जानवर शाकाहारी हैं और घास अनाज के साथ चारा खाकर दूध देते हैं। ऐसे में दूध को नॉनवेज नहीं माना जाता है।
लेकिन अमेरिका में इसका उल्टा है। अमेरिका में गाय और भैंस ज्यादा दूध दे इसके लिए उन्हें नॉनवेज इंडस्ट्री से निकलने वाला कचरा भी खिलाया जाता है। ऐसे में वह जो दूध देती हैं उसे नॉनवेज मिल्क कहते है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई रिपोर्ट
जानकारी के मुताबिक सोशल मीडिया पर रिपोर्ट वायरल हो रही है। इस रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में गायों को सूअर, मछली, छोड़े, मुर्गे और कु्त्ते या बिल्ली का मांस भी खिलाया जाता है। इतना ही नहीं, गाय और भैंस को मांस के साथ-साथ जानवरों का खून और चर्बी भी दी जाती है।
दूध के लिए जानवरों पर अत्याचार
ज्यादा से ज्यादा दूध लेने के लिए जानवरों को मांस खिलाना तो एक पहलू है। इसके अलावा ऐसा भी कहा जा रहा है कि दूध लेने के लिए जानवरों के साथ क्रूरता भी की जाती है। जिसमें गाय और भैंस को बार-बार गर्भवती करना, बछड़े को दूध नहीं पीने देना और दूध धोने के लिए मशीनों का इस्तेमाल करना शामिल है।
अमेरिका की एंट्री से भारत के किसानों और डेयरी इंडस्ट्री को नुकसान-
अमेरिका डेयरी प्रोडक्ट एक्सपोर्ट का एक बड़ा हिस्सा माना जाता है। अमेरिका, भारत की इन शर्तो को अनावश्यक व्यापारिक रुकावट मानता है और भारतीय बाजार में एंट्री करना चाहता है। भारत दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादकों और उपभोक्ताओं में शामिल है।
यदि अमेरिका को भारतीय बाजार में प्रवेश मिल जाता है, तो इससे दूध की कीमतों में गिरावट आ सकती है, जिसकी वजह से भारत के किसानों और डेयरी इंडस्ट्री के लोगों को नुकसान हो सकता है।