अंकिता मर्डर केस: तीनों आरोपी को हुई उम्रकैद, अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने सुनाया फैसला 

बहुचर्चित अंकिता भंडारी मर्डर केस मामले में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने आज अपना फैसला सुनाया है।

May 30, 2025 - 14:33
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अंकिता मर्डर केस: तीनों आरोपी को हुई उम्रकैद, अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने सुनाया फैसला 
Ankita murder case: All three accused sentenced to life imprisonment, Additional District and Sessions Court pronounced the verdict

बहुचर्चित अंकिता भंडारी मर्डर केस मामले में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने आज अपना फैसला सुनाया है। अदालत ने पुलकित आर्य और उसके साथी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या के मामले में दोषी माना है। कोर्ट ने पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या, साक्ष्य नष्ट करने और छेड़छाड़ के आरोपों में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302, 201 और 354 के तहत दोषी पाया है। कोर्ट ने सभी दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है और इसके साथ ही उन पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इसके अलावा, पीड़िता अंकिता भंडारी के परिजनों को चार लाख रुपये की हर्जाना राशि देने का आदेश दिया गया है।

कैसी रही सुरक्षा व्यवस्था-

कोतवाल रमेश तनवार ने बताया कि अदालत परिसर की सुरक्षा को और बेहतर बनाने के लिए पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार, टिहरी और उत्तरकाशी जिलों से कई पुलिसकर्मी, अधिकारी और डेढ़ कंपनी पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं।

अदालत परिसर में बाहरी लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई। सुरक्षा को लेकर प्रशासन और पुलिस की ओर से कई बार बैठकें और मॉक ड्रिल आयोजित की गईं। पूरा परिसर सुरक्षा के लिहाज से छावनी में तब्दील कर दिया गया है और वरिष्ठ अधिकारी स्वयं व्यवस्था पर नजर रख रहे हैं।

कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए एसडीएम कोटद्वार सोहन सिंह सैनी ने अदालत के 200 मीटर के दायरे में धारा 163 लागू कर दी है। इस क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति समूह में प्रवेश नहीं कर सकेगा। इसके अलावा, नारेबाजी, धरना और प्रदर्शन पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। कोटद्वार में चार और पौड़ी में एक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे।

जानिए कब क्या हुआ-

  • 20 सितंबर 2022: पुलकित आर्य ने अंकिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। 22 सितंबर 2022: मामला राजस्व पुलिस से हटाकर लक्ष्मण झूला थाना को सौंपा गया।
  • 18 सितंबर 2022: जांच में सामने आया कि उसी दिन अंकिता की हत्या कर दी गई थी। आरोपी उस पर अनैतिक कार्य के लिए दबाव बना रहे थे। 
  • 23 सितंबर 2022: आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया। 
  • 24 सितंबर 2022: अंकिता का शव चीला नहर से बरामद हुआ और उसी दिन एम्स ऋषिकेश में पोस्टमार्टम हुआ। 
  • 26 सितंबर 2022: पुलिस ने तीनों आरोपियों को रिमांड में लेकर क्राइम सीन का पुनर्निर्माण किया। 
  • 16 दिसंबर 2022: हत्या, सबूत छुपाने, छेड़छाड़ और अनैतिक व्यापार अधिनियम के तहत चार्जशीट दाखिल की गई। 
  • 30 जनवरी 2023: कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। 
  • 28 मार्च 2023: अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई। 
  • 19 मई 2025: अंतिम बहस पूरी हुई। 
  • 30 मई 2025: कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आया।

इस मामले की सुनवाई, करीब ढाई साल तक चली, कोर्ट में 47 महत्वपूर्ण गवाहों को पेश किया गया। एसआईटी ने 97 गवाहों की एक लम्बी सूची पेश की थी, लेकिन अदालत में सिर्फ 47 का ही बयान लिया गया। यह निर्णय केवल अंकिता के परिवार के लिए नहीं, बल्कि सम्पूर्ण देश के लिए न्याय की उम्मीद का संकेत बना है।