18 साल की कमसिन लक्ष्मी अहिरवार को पता नहीं था कि जो अब्दुल उससे मीठी-मीठी बातें किया करता था वही उसे मौत के घाट उतार देगा। खजुराहो की रहने वाली लक्ष्मी अहिरवार अपने परिवार के साथ जबलपुर के देवताल इलाके में मजदूरी करने आई थी। लक्ष्मी जब परिवार के साथ नागपुर गई थी तब वहां पानी की सप्लाई करने वाले अब्दुल समद से उसका परिचय हुआ, पहचान धीरे-धीरे दोस्ती में बदली और उसके बाद अब्दुल उससे एक तरफा प्यार करने लगा। नागपुर से जाते वक्त अब्दुल ने लक्ष्मी अहिरवार को एक मोबाइल भी गिफ्ट किया। लक्ष्मी जब जबलपुर अपने परिवार के साथ आई और यहां काम करने लगी तो इस दौरान दोनों की फोन पर बातें हुआ करती थी लेकिन कुछ दिनों बाद लक्ष्मी ने अब्दुल समद को इग्नोर करना शुरू कर दिया और लक्ष्मी का यही नजरअंदाज करना अब्दुल को नागवार गुज़रा और वह जबलपुर आ गया यहां वह दो दिनों तक होटल में डेरा डाले रहा।
जानिए कैसे सलाखों के पीछे पहुंचा कातिल अब्दुल-
कातिल मंसूबों को लेकर अब्दुल लक्ष्मी के हर मूवमेंट पर नजर रखने लगा, एक दिन मौका पाकर उसने गढ़ा के देवताल पहाड़ी के पास लक्ष्मी को मिलने के लिए बुलाया और उस पर घातक हथियार से वार कर दिया। पेट और गले में चाकू से वार कर अब्दुल समद ने लक्ष्मी को मौत के घाट उतार दिया। इस अंधे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस ने कई बिंदुओं पर जांच की, आखिर में लक्ष्मी की लाश के पास मिले मोबाइल से उसे कातिल पहुंचने का रास्ता मिल गया। पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि अब्दुल ने नागपुर से जबलपुर आकर लक्ष्मी को बात करने के लिए बुलाया और इसी दौरान उसने लक्ष्मी का बेरहमी से कत्ल कर दिया। पुलिस ने प्रयागराज निवासी आरोपी अब्दुल समद को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है।