पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने स्वीकारा आतंकियों के रिश्तेदार हो सकते हैं पाकिस्तान में, आतंकी हमारे लिए भी हैं खतरा
पाकिस्तान का अतीत में आतंकियों के साथ संबंध रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी दावा किया कि अब पाकिस्तान ने उन सभी रिश्तों को समाप्त कर दिया है।

दुनिया लंबे समय से जानती है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को संरक्षण देने वाला देश रहा है। अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन से लेकर तालिबान के शीर्ष नेता, और भारत में हमलों को अंजाम देने वाले जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों तक, पाकिस्तान इन सभी का ठिकाना रहा है। अब खुद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस सच्चाई को स्वीकार कर लिया है।
एक टीवी इंटरव्यू में ख्वाजा आसिफ ने माना कि पाकिस्तान का अतीत में आतंकियों के साथ संबंध रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी दावा किया कि अब पाकिस्तान ने उन सभी रिश्तों को समाप्त कर दिया है। लेकिन पाकिस्तान की आदत रही है कि वह पहले किसी आतंकी गतिविधि से इनकार करता है और फिर वक्त बीतने के बाद सच्चाई स्वीकार करता है।
ऐसा ही कुछ पहले भी हो चुका है, जब पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने अपनी मौत से करीब एक साल पहले कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना की संलिप्तता को मान लिया था।
दुनिया के सामने पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आतंकवाद को लेकर एक बार फिर दोहरा रवैया दिखाया है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "हम खुद जांच नहीं करना चाहते, दुनिया आकर जांच करे। वे उन जगहों को देखें जिन पर हमले के आरोप लगे हैं, और खुद तय करें कि वहां वाकई आतंकियों के ठिकाने हैं या नहीं। भारत जिन आतंकियों के नाम लेता है, वे वास्तव में हमारे यहां हैं या कहीं और मौजूद हैं, ये भी आकर जांच लें।"
इस बयान से साफ है कि पाकिस्तान एक बार फिर वैश्विक समुदाय के सामने जांच का दिखावा कर रहा है, जबकि उसका अतीत आतंकियों को संरक्षण देने के मामलों से भरा पड़ा है।
इसके आगे ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकियों से अपने संबंध कई साल पहले ही खत्म कर लिए हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि इन आतंकियों के रिश्तेदार अब भी पाकिस्तान में रह सकते हैं, लेकिन साथ ही दावा किया कि ये लोग पाकिस्तान के लिए भी उतने ही खतरनाक हैं, जितने दुनिया के बाकी देशों के लिए।
भारत ने 7 मई की सुबह 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस सटीक और संगठित कार्रवाई में कुल 9 स्थानों पर बने 14 आतंकी लॉन्चपैड ध्वस्त किए गए। इस ऑपरेशन में करीब 100 से ज्यादा आतंकवादियों के मारे जाने की जानकारी है। मारे गए आतंकियों में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य भी शामिल थे।