रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज पर CBI की एफआईआर, मान्यता में गड़बड़ी और रिश्वत का आरोप

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च को मान्यता दिलाने में अनियमितता और रिश्वत देने के आरोप में सीबीआई ने कॉलेज के चेयरमैन रविशंकर महाराज के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

Jul 4, 2025 - 19:44
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रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज पर CBI की एफआईआर, मान्यता में गड़बड़ी और रिश्वत का आरोप
CBI FIR against Rawatpura Sarkar Medical College allegations of irregularities in recognition and bribery

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च को मान्यता दिलाने में अनियमितता और रिश्वत देने के आरोप में सीबीआई ने कॉलेज के चेयरमैन रविशंकर महाराज के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। रविशंकर महाराज का मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड क्षेत्रों में प्रभाव रहा है।

आश्रम के साथ शिक्षा संस्थानों का भी संचालन

भिंड जिले में उनके आश्रम के साथ-साथ रावतपुरा सरकार नाम से कई शिक्षण संस्थान संचालित होते हैं। कांग्रेस शासनकाल में कई बड़े नेता और मंत्री नियमित रूप से रावतपुरा धाम आते रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी 16 अप्रैल 2022 को यहां अनुष्ठान में शामिल हुए थे। रावतपुरा धाम भिंड की लहार तहसील से लगभग 18 किमी दूर पहूज और सोनमृगा नदियों के संगम क्षेत्र में स्थित है। वर्ष 2008 में यहीं रावतपुरा सरकार कॉलेज ऑफ एजुकेशन की स्थापना हुई थी।

धार्मिक और राजनीतिक महत्व वाला स्थान

यह धाम देश के उन प्रमुख धार्मिक स्थलों में गिना जाता है जहां राजनेताओं का लगातार आगमन होता रहता है। यहां का संचालन रावतपुरा धाम आश्रम ट्रस्ट करता है। कांग्रेस शासनकाल में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, उमा भारती, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और राज्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत जैसे नेता यहां आकर दर्शन कर चुके हैं। धाम में 85 फीट ऊंची भगवान शंकर की विशाल मूर्ति भी स्थापित है, जो 10 फीट ऊंचे चबूतरे पर विराजमान है।

डकैतों का गढ़ था, अब बना आस्था और विकास का केंद्र

स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, आज जहां यह आश्रम और धार्मिक स्थल है, वह इलाका करीब 35 साल पहले डकैतों के आतंक का गढ़ था। उस समय यहां आना खतरे से खाली नहीं था। लेकिन वर्ष 1990 की एक भीषण बाढ़ के दौरान जब रविशंकर महाराज यहां पहुंचे और यज्ञ-अनुष्ठान किए, तब से हालात बदलने लगे। लोगों का विश्वास है कि आज की सुखद और सुरक्षित स्थिति उनके तप और आध्यात्मिक प्रयासों का परिणाम है।