नि:शुल्क आश्रय स्थल में परीक्षार्थियों से अवैध वसूली का मामला उजागर, राजस्थान से आए थे छात्र

मध्यप्रदेश के सतना जिले के धवारी क्षेत्र में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब राजस्थान से आए परीक्षार्थियों से आश्रय देने के नाम पर अवैध वसूली की गई।

Jun 28, 2025 - 16:57
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नि:शुल्क आश्रय स्थल में परीक्षार्थियों से अवैध वसूली का मामला उजागर, राजस्थान से आए थे छात्र
Case of illegal collection of money from students in free shelter exposed students had come from Rajasthan


मध्यप्रदेश के सतना जिले के धवारी क्षेत्र में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब राजस्थान से आए परीक्षार्थियों से आश्रय देने के नाम पर अवैध वसूली की गई। निशुल्क आश्रय स्थल में अवैध वसूली को लेकर परिक्षार्थियों ने हल्ला बोला। उनका आरोप है कि आश्रय स्थल में उनसे हर दिन 50 रुपए की दर से किराया वसूली की जा है। जबकि आश्रय स्थल पूर्ण रूप से निशुल्क घोषित है। अवैध वसूली को लेकर मैनेजर शिशिर तिवारी पर आरोप लगाए गए हैं। 

छात्रों ने शुक्रवार को एसडीएम कार्यालय पहुंचकर इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद नगर निगम आयुक्त शेर सिंह मीना के निर्देश पर सिटी मैनेजर दीपक शर्मा ने जांच की। जांच में यह तथ्य सामने आया कि रजिस्टर में वसूली की एंट्री पेंसिल से की गई थी ताकि बाद में उसे मिटाया जा सके। पेंसिल से इस प्रकार का रिकॉर्ड रखना संदेहास्पद और अपराध की श्रेणी में आता है।

जांच के दौरान यह भी पाया गया कि आश्रय स्थल पर लगे नि:शुल्क सेवा के बोर्ड को जानबूझकर छिपा दिया गया था। इस बोर्ड में स्पष्ट रूप से लिखा था कि यह सुविधा पूरी तरह नि:शुल्क है और पुरुषों व महिलाओं के लिए अलग-अलग रहने, बिजली, पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

धौलपुर, राजस्थान से आई एक छात्रा प्रगति कुमारी ने बताया कि वह 17 तारीख से आश्रय स्थल में रह रही हैं और रोजाना 50 रुपये वसूले गए। जब उन्होंने विरोध किया तो कर्मचारियों ने स्पष्ट कहा कि बिना पैसे दिए रुकने की अनुमति नहीं मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि इस आश्रय स्थल का संचालन दिल्ली की हकीकत सेनिटेशन सोसाइटी द्वारा किया जा रहा है, जिसके संचालक संदीप गर्ग हैं। सिटी मैनेजर दीपक शर्मा ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज मंगवाए गए हैं और केयरटेकर बीरेन्द्र सिंह की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

सतना नगर निगम द्वारा संचालित ऐसे कुल तीन आश्रय स्थल शहर में मौजूद हैं, जिनका उद्देश्य बेघर और जरूरतमंद लोगों को सुरक्षित और नि:शुल्क आवास देना है। इस घटना ने प्रशासन की निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और अन्य आश्रय स्थलों की भी गहन जांच की आवश्यकता महसूस की जा रही है, ताकि जरूरतमंदों के अधिकारों का उल्लंघन न हो।