उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बयान पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने तीखा पलटवार किया है। मामला इटावा में कथावाचकों के साथ हुई कथित बदसलूकी से जुड़ा है, जिस पर अखिलेश यादव ने बागेश्वर बाबा को निशाने पर लेते हुए कथाओं के लिए मोटी फीस और "अंडर टेबल" पैसे लेने का आरोप लगाया था।
हालांकि पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अखिलेश यादव का नाम नहीं लिया, लेकिन एक मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से उन पर तंज कसते हुए कहा, "हमारे जीवन में बोलने से ज्यादा सहना पड़ता है। मैं बातों से नहीं, रातों से लड़ा हूं। मैं सह-सहकर साधु बना हूं, इसलिए आज यहां खड़ा हूं। हमारे ऊपर टिप्पणी करने वालों की रोटी पच रही है, भगवान करें उनकी रोटी पचती रहे।"
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को उनके खिलाफ बोलकर खुशी मिलती है, लेकिन वे सनातन धर्म और हिंदुत्व के लिए जीते और मरते रहेंगे। इटावा की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यह बेहद निंदनीय है, लेकिन इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि इस घटना को राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत को वास्तव में हिंदू राष्ट्र बनाना है, तो जातिवाद से ऊपर उठना होगा। ऐसी टिप्पणियां केवल जातिवादी नेताओं को फायदा पहुंचाती हैं, समाज को नहीं।
वहीं, अखिलेश यादव ने धीरेंद्र शास्त्री पर कथाओं के एवज में 50 लाख रुपये तक लेने और "अंडर टेबल" पैसों की मांग करने का आरोप लगाया था। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि आखिर कौन afford कर सकता है कि धीरेंद्र शास्त्री को अपने घर बुला सके।
इस विवाद के चलते अब सियासी बयानबाजी और तेज हो गई है।