Teachers' Day 2025: जानिए भारत में 5 सितंबर हो की क्यों मनाया जाता है टीचर्स डे, क्या है इतिहास और महत्व 

भारत में शिक्षक का पद खूब ऊंचा होता है। वे छात्रों के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। हर साल की तरह इस साल भी टीचर्स डे शुक्रवार यानि 5 सितंबर को मनाया जाएगा। 

Sep 2, 2025 - 16:18
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Teachers' Day 2025: जानिए भारत में 5 सितंबर हो की क्यों मनाया जाता है टीचर्स डे, क्या है इतिहास और महत्व 
Teachers' Day 2025: Know why Teachers' Day is celebrated on 5 September in India, what is its history and importance

5 सितंबर एक ऐसा दिन जब भारत में सभी लोग अपने गुरुओं को धन्यवाद करते है और उनके समर्पण और योगदान को याद करते है। भारत में टीचर्स डे खूब खास होता है और यह दिन महान शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में मनाया जाता है। भारत में शिक्षक का पद खूब ऊंचा होता है। वे छात्रों के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। हर साल की तरह इस साल भी टीचर्स डे शुक्रवार यानि 5 सितंबर को मनाया जाएगा। 

तमिलनाडु के तिरुत्तनी में हुआ था जन्म 

आपको बता दे की दुनियाभर में 'वर्ल्ड टीचर्स डे' 5 अक्टूबर को मनाया जाता है लेकिन भारत में यह दिन 5 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन देश के महान शिक्षक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को समर्पित होता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुत्तनी में हुआ था। 

डॉ. राधाकृष्णन एक महान शिक्षक और विद्वान

डॉ. राधाकृष्णन न केवल एक महान शिक्षक थे बल्कि बहुत विद्वान भी थे। वे लेखक और दार्शनिक भी थे। वह अपने छात्रों के बीच बहुत लोकप्रिय थे और छात्र उनका बहुत सम्मान करते थे। 

एक बार जब छात्रों ने डॉ. राधाकृष्णन से उनका जन्मदिन को मनाने की बात कही तो उस पर उन्होंने कहा कि अगर उनके जन्मदिन को शिक्षकों के सम्मान के रूप में मनाया जाए तो उन्हें ज्यादा खुशी होगी। तो फिर क्या था तभी से 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

कब हुई शिक्षक दिवस की शुरुआत?

भारत में पहली बार साल1962 को शिक्षक दिवस मनाया गया था। यह उस वक़्त की बात है जब डॉ. राधाकृष्णन देश के राष्ट्रपति थे। उसके बाद से ही हर साल 5 सितंबर को यह दिन शिक्षकों के सम्मान में मनाया जाता है।

डॉ. राधाकृष्णन का योगदान

डॉ. राधाकृष्णन ने मैसूर यूनिवर्सिटी, मद्रास प्रेसीडेंसी कॉलेज और कलकत्ता यूनिवर्सिटी में पढ़ाया था। उनका मानना था कि शिक्षा सिर्फ डिग्री पाने का जरिया नहीं है बल्कि वह इंसान के पूरे व्यक्तित्व को बेहतर बनाते है। वह एक अच्छे लेखक भी थे और उन्होंने कई किताबें भी लिखीं जैसे इंडियन फिलॉसफी, भगवद गीता, और द हिंदू व्यू ऑफ लाइफ।

भारत रत्न से हुए सम्मान

डॉ. राधाकृष्णन को 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उन्होंने शिक्षा और संस्कृति को बढ़ावा देने में बहुत अहम भूमिका निभाई। उनके कार्यकाल में शिक्षा और संस्कृति पर विशेष ध्यान दिया गया। इस तरह देश में शिक्षा की अलख जगाने वाले डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन शिक्षकों के प्रयासों को समर्पित है।