सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर फिर मचा बवाल, दिग्विजय और कमल नाथ आमने-सामने

सिंधिया की नाराजगी की वजह दिग्विजय सिंह को माना जाता रहा है, लेकिन हाल ही में दिग्विजय सिंह ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के पीछे की वजह कमल नाथ थे, न कि वे खुद। इस बयान के बाद से ही कांग्रेस के भीतर कलह शुरू हो गई है। 

Aug 25, 2025 - 16:03
 11
सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर फिर मचा बवाल, दिग्विजय और कमल नाथ आमने-सामने
Ruckus again after Scindia left Congress Digvijay and Kamal Nath face to face

केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस छोड़े काफी समय हो गया है, लेकिन बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि कांग्रेस के साथ उनका कार्यकाल काफी पुराना रहा है। भले ही आज सिंधिया ने अपनी पार्टी बदल ली हो, लेकिन उनके नाम पर अब भी पार्टी में चर्चा बरकरार है। सिंधिया की नाराजगी की वजह दिग्विजय सिंह को माना जाता रहा है, लेकिन हाल ही में दिग्विजय सिंह ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के पीछे की वजह कमल नाथ थे, न कि वे खुद। इस बयान के बाद से ही कांग्रेस के भीतर कलह शुरू हो गई है। 

बंद कमरे की बात सार्वजनिक

दिग्विजय सिंह ने इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने पहले ही पार्टी को चेतावनी दी थी कि सिंधिया असंतुष्ट हैं और कुछ बड़ा हो सकता है। उन्होंने बताया कि एक बड़े उद्योगपति के जरिए उन्होंने कमल नाथ और सिंधिया को एक डिनर पर साथ बैठाया था, जहां वे खुद भी मौजूद थे। दोनों नेताओं के बीच कुछ मुद्दों पर सहमति बनी, यहां तक कि एक कागज पर हस्ताक्षर भी किए गए, लेकिन बाद में उन वादों को नहीं निभाया गया। दिग्विजय का कहना है कि उनके बार-बार प्रयास के बावजूद मामले को सुलझाया नहीं गया।

कमल नाथ का पलटवार

इस बयान के जवाब में कमल नाथ ने सोशल मीडिया (एक्स) पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अब पुरानी बातें उठाने से कोई फायदा नहीं है, लेकिन यह सही है कि सिंधिया को यह आभास हुआ था कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं, जिससे वे नाराज़ हो गए। इसी कारण उन्होंने कांग्रेस के विधायकों को तोड़ा और सरकार गिरा दी।

कांग्रेस में फिर गुटबाज़ी उजागर

एमपी कांग्रेस पहले ही गुटबाजी से जूझती रही है, और अब एक बार फिर दो वरिष्ठ नेताओं के बीच की खींचतान खुलकर सामने आ गई है। यह विवाद उस समय उभरा है जब कांग्रेस पार्टी प्रदेश में खुद को फिर से खड़ा करने की कोशिश में जुटी है, और हाल ही में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की गई है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि राहुल गांधी इस अंदरूनी कलह को कैसे सुलझाते हैं।

सिंधिया और दिग्विजय के रिश्तों में नरमी

दिलचस्प बात यह है कि हाल के दिनों में दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के रिश्तों में सुधार के संकेत भी दिखे हैं। एक सार्वजनिक कार्यक्रम में सिंधिया ने दिग्विजय को मंच तक ले जाकर सम्मान दिया था, जिससे यह संकेत मिला कि दोनों नेताओं के बीच पुरानी तल्खियां अब कुछ कम हो रही हैं।