लोगों पर चढ़ा लबुबू डॉल का खुमार - साउथ कोरिया, अमेरिका, सिंगापूर से लेकर भारत तक सभी इसके प्रेमी
आज के ज़माने में एक ऐसी डॉल लोगों के बीच लोकप्रिय हो रही है जो की एक स्टाइल आइकॉन भी बन गई है। इस डॉल को बनाने वाली एक चीनी कंपनी है। लाबुबू डॉल्स को आज का फैशन एक्सेसरी भी माना जा रहा है।

अगर किसी से पूछा जाए की बचपन में उसकी सबसे पसंदीदा चीज कौनसी थी तो वह बेशक अपने खिलौनों को ही कहेगा। उसमें चाहे फिर कार हो या फिर एक गुड़िया। हर कोई अपनी मनपसंद डॉल को बेहद से संजोकर रखता था। वो डॉल उसकी एक दोस्त की तरह होती थी जो सबसे खास होती थी। ऐसे में आज के ज़माने में एक ऐसी डॉल लोगों के बीच लोकप्रिय हो रही है जो की एक स्टाइल आइकॉन भी बन गई है। इस डॉल को बनाने वाली एक चीनी कंपनी है। इसकी बनाई ‘लाबुबू’ डॉल आजकल दुनियाभर में धूम मचा रही है।
डॉल पर फिदा हुए लोग-
यह डॉल कोई आम डॉल नहीं है। इसकी छोटी-छोटी आंखें, शरारती मुस्कान और ग्रीमलिन जैसे चेहरे ने लोगों को इस कदर दीवाना बना दिया है कि कई देशों में दुकानों पर भीड़ लग गई। यहां तक कि इसे पाने के लिए लोगों में लड़ाई-झगड़े तक हो रहे हैं। लाबुबू डॉल्स को आज का फैशन एक्सेसरी भी माना जा रहा है। साउथ कोरिया का मशहूर गर्ल बैंड ब्लैकपिंक की लिसा, रिहाना, सिंगापुर की सोशलाइट जेमी चुआ और भारत की अनन्या पांडे जैसी सेलेब्रिटीज भी इन्हें अपने बैग्स पर लगाए घूम रहे हैं।
लोगों के बीच लड़ाई देख रोकनी पड़ी सेल-
लाबुबू डॉल की जबरदस्त मांग को देखकर हाल ही में ब्रिटेन में इन डॉल्स को खरीदने के लिए ग्राहकों में लड़ाई होने लगी, जिसे देखते हुए इस डॉल की सेल को रोकना पढ़ गया। मिली जानकारी के मुताबिक, यह कदम दुकानदारों और ग्राहकों की सुरक्षा को देखते हुए उठाया गया है।
जानिए कौन है वांग निंग-
इस डॉल को बनाए वाले शख्स चीन के वांग निंग है। वांग निंग पॉप मार्ट इंटरनेशनल ग्रुप के चेयरमैन और सीईओ हैं। वांग निंग की कंपनी की लोकप्रियता अमेरिका में इतनी तेजी से बढ़ी कि एक ही दिन में उनकी संपत्ति लगभग 13 हजार करोड़ रुपये बढ़ गई। पॉप मार्ट के मोबाइल ऐप अमेरिका में सबसे ज़्यादा डाउनलोड की जाने वाला ऐप बन गया है।
वांग निंग की सफलता की कहानी काफी प्रेरणादायक है। उनका जन्म 1987 में चीन के हेनान प्रांत में हुआ था। उन्होंने 2009 में झेंगझोउ यूनिवर्सिटी से विज्ञापन की पढ़ाई की। इसके एक साल बाद, 2010 में उन्होंने पॉप मार्ट की स्थापना की, जिसमें वे छोटे-छोटे खिलौने ब्लाइंड बॉक्स के रूप में बेचते थे। इन बॉक्स की खासियत यह होती है कि ग्राहक को यह नहीं पता होता कि बॉक्स के अंदर कौन-सा खिलौना है, जिससे रोमांच बना रहता है और लोग बार-बार इन्हें खरीदते थे ताकि कलेक्शन पूरा हो सके। आज पॉप मार्ट और लाबुबू डॉल्स न सिर्फ एक खिलौने का नाम है, बल्कि ट्रेंड बन चुके हैं।
चीन और अमेरिका के व्यपार के बीच तनाव-
चीन और अमेरिका के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव के बावजूद, अमेरिका में लोग घंटों लाइन में लगकर लाबुबू डॉल खरीदने पहुंच रहे है। इसे यह साबित होता है कि लाबुबू अब केवल एक खिलौना नहीं, बल्कि लोगों की भावनाओं से जुड़ा एक प्रतीक बन गया है।