प्रदेश के पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों पर गिरेगी गाज, गृह तहसील में नहीं कर पाएंगे काम
सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि गृह जिले और तहसील में पदस्थ आरआई और पटवारी के तबादले जल्द से जल्द किए जाएं।

मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में पदस्थ पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों पर गाज गिरने वाली है। भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार का यह कदम निश्चित ही बेहतर साबित होगा। भ्रष्टाचार के मामले में राजस्व विभाग की छवि पहले से काफी खराब है। जिसमें अब सुधार करने की पहल की जा रही है। सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि गृह जिले और तहसील में पदस्थ आरआई और पटवारी के तबादले जल्द से जल्द किए जाएं। राजस्व के करीब 12 हजार पटवारी और राजस्व निरीक्षकों के तबादले की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है।
जिला कलेक्टरों को राजस्व विभाग का आदेश
राजस्व विभाग ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को आदेश दिया है कि वे तत्काल प्रभाव से गृह तहसील में पदस्थ पटवारी और गृह अनुविभाग में पदस्थ राजस्व निरीक्षक को अन्य जगहों पर पदस्थ करें।
कई शिकायतों के बाद एक्शन में विभाग
अधिकांश जिलों में पटवारी अपने गृह तहसील और राजस्व निरीक्षक अपने गृह अनुविभाग में पदस्थ हैं। जिसके कारण अक्सर पक्षपात होने जैसे आरोप लोगों द्वारा लगाए जाते रहे हैं। कई शिकायतों के बाद विभाग द्वारा यह निर्णय लिया गया है ताकि विभाग के प्रति पारदर्शिता बनी रही। कलेक्टरों को कहा गया है कि वे ऐसे पटवारी और राजस्व निरीक्षकों को चिन्हित कर उनकी सूची तैयार करें और उनके तबादले करें।
रिश्वत लेने का है आरोप
लोकायुक्त की छापेमार कार्रवाई में 20 से अधिक पटवारी पकड़े जा चुके हैं। रिश्वत के बढ़ते मामले को देखते हुए यह कदम उठाया गया। खास बात यह है कि 50 फीसदी पटवारी ऐसे हैं। जो गृह तहसील में पदस्थ हैं। प्रदेश में 25 हजार पटवारी पदस्थ हैं। इनमें से 12 हजार पटवारियों के तबादले किए जाने हैं।