निर्जला एकादशी : सबसे प्रमुख और कठिन व्रत, जानिए क्या है महत्व और तारीख 

हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का एक विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

May 30, 2025 - 15:30
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निर्जला एकादशी : सबसे प्रमुख और कठिन व्रत, जानिए क्या है महत्व और तारीख 
Nirjala Ekadashi: The most important and difficult fast, know its importance and date

निर्जला एकादशी भीमसेनी एकादशी के नाम से भी है मशहूर

हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का एक विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। हर महीने दो एकादशियां आती हैं एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। इस प्रकार साल भर में कुल 24 एकादशी के व्रत रखे जाते हैं। इन सभी में निर्जला एकादशी को सबसे प्रमुख और कठिन माना जाता है। यह व्रत ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है।

निर्जला एकादशी की तारीख-

इस साल 2025 की निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून 2025 को रखा जाएगा। इस दिन गृहस्थ लोग उपवास रखेंगे और यह 7 जून को खत्म किया जाएगा। वहीं वैष्णव संप्रदाय के लोग यह व्रत 7 जून को रखेंगे और 8 जून को खत्म करेंगे। निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

शुभ मुहूर्त और समापन का समय-

एकादशी तिथि प्रारंभ: 6 जून 2025 को रात 2:15 बजे

एकादशी तिथि समाप्त: 7 जून 2025 को सुबह 4:47 बजे

व्रत पारण की तिथि: 7 जून 2025

पारण का समय: दोपहर 1:57 बजे से 4:36 बजे तक

व्रत का महत्व-

निर्जला एकादशी का व्रत अत्यंत कठिन माना गया है। ऐसे इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इसमें जल तक ग्रहण करने की अनुमति नहीं होती है। इस व्रत का समापन द्वादशी तिथि में, सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त में किया जाता है। ऐसा विश्वास है कि जो लोग वर्ष भर एकादशी का पालन नहीं कर पाते, वे सिर्फ निर्जला एकादशी का व्रत करके सभी एकादशियों का पुण्य अर्जित कर सकते हैं।