Made In India Chip VIKRAM : भारत में बनी पहली मेड इन इंडिया चिप, ISRO ने भारत में किया तैयार 

आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'सेमीकॉन इंडिया 2025' सम्मेलन की शुरुआत की। यह तीन दिन तक चलने वाला सम्मलेन भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग को मजबूत, आत्मनिर्भर और टिकाऊ बनाने पर जोर देगा।

Sep 2, 2025 - 14:51
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Made In India Chip VIKRAM : भारत में बनी पहली मेड इन इंडिया चिप, ISRO ने भारत में किया तैयार 
Made In India Chip VIKRAM: The first Made in India chip made in India, ISRO prepared it in India

आज के दिन सभी भारतीयों के लिए खास है। आज भारत ने दुनियाभर को दिखा दिया की भारत क्या चीज है। आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'सेमीकॉन इंडिया 2025' सम्मेलन की शुरुआत की। यह तीन दिन तक चलने वाला सम्मलेन भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग को मजबूत, आत्मनिर्भर और टिकाऊ बनाने पर जोर देगा।

पहली मेड इन इंडिया चिप 'विक्रम'(first Made in India chip 'Vikram')

इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी को केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारत में बनी पहली चिप "विक्रम" भेंट की। यह एक 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर है जिसे इसरो (ISRO) ने पूरी तरह भारत में बनाया है। विक्रम चिप इतनी ताकतवर है कि यह अंतरिक्ष यानों की बेहद कठिन परिस्थितियों में भी अच्छे से काम कर सकती है।

कई अन्य चिप भी हुई प्रदर्शित

अश्विनी वैष्णव ने विक्रम चिप के अलावा और भी कई तरह की चिप को प्रेजेंट किया जो अलग-अलग कंपनियों द्वारा बनाए जा रही हैं। ये अन्य चिप अप्रूवल प्राप्त कर चुके 4 प्रोजेक्ट्स के टेस्ट चिप हैं।

दुनिया कर रही भारत पर बहोरसा

अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की दुनिया भारत पर भरोसा कर रही है और सेमीकंडक्टर के भविष्य को भारत के साथ मिलकर बनाने को तैयार है।

उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर तकनीक में भारत लगातार आगे बढ़ रहा है और जल्द ही भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि 21वीं सदी की असली ताकत इसी छोटे से चिप में छिपी है।

2021 में शुरू हुआ था  ‘सेमीकॉन इंडिया’ कार्यक्रम

प्रधानमंत्री ने बताया कि 2021 में ‘सेमीकॉन इंडिया’ कार्यक्रम शुरू किया गया था। 2023 में पहला सेमीकंडक्टर प्लांट स्वीकृत हुआ। वहीं 2024 में और प्लांट्स को मंजूरी मिली और 2025 में पांच और प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दी गई। अब तक कुल 10 प्रोजेक्ट्स में 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया जा चूका है। यह भारत में बढ़ते वैश्विक भरोसे का संकेत है।