मध्यप्रदेश सरकार की वित्तीय समस्याएं लगातार बनी हुई हैं। खर्चों को पूरा करने के लिए सरकार एक बार फिर कर्ज लेने जा रही है। इस बार 4 जून को सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से 4,500 करोड़ रुपए का ऋण लेगी। यह कर्ज दो किस्तों में होगा। 2 हजार करोड़ और 2500 करोड़ रुपए। जिसका भुगतान 4 जून को किया जा रहा है। इससे पहले मई में भी सरकार ने ढाई-ढाई हजार करोड़ का कर्जा लिया था। इस नए लोन को मिलाकर सरकार के ऊपर 9500 करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ चुका है। सरकार इस राशि का इस्तेमाल विकास कार्यों के साथ ही लाडली बहना योजना की किस्तों का भुगतान करने और बारिश से पहले निर्माणाधीन कार्यों पर खर्च करेगी।
वित्त विभाग ने दी जानकारी
वित्त विभाग के अनुसार मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 3 जून को आरबीआई के जरिए लोन की अपील की गई है। लोन की राशि का भुगतान 4 जून को होगा। पहला लोन 2000 करोड़ रुपए का है। जो 16 सालों के लिए लिया जाएगा। दूसरा लोन 2500 करोड़ का है जो 18 साल के लिए लिया जा रहा है। इसका भुगतान भी 4 जून को होगा। इसे 2043 में ब्याज के साथ चुकाना होगा। इससे पहले भी सरकार ने कर्ज लिया था। 7 मई को 5 हजार करोड़ का लोन लिया था। मई महीने में सरकार ने 2,500 करोड़ रुपए का पहला कर्ज लिया था, जिसकी अवधि 12 साल तय की गई है। इस ऋण को ब्याज सहित मई 2037 तक चुकाना पड़ेगा।
रेवेन्यू सरप्लस से होगा फायदा
सरकार का कहना है कि रेवेन्यू अच्छा है। सरकार ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार 12487 करोड़ के रेवेन्यू सरप्लस में थी। जिससे यह साफ तौर पर देखा जा सकता है कि सरकार के खर्च से अधिक आमदनी थी। इस दौरान सरकार की आमदनी 234026 करोड़ थी, जबकि खर्च 221538 करोड़ रहा।