एमपी में दो वरिष्ठ IAS अधिकारियों की पद से हटाने की वजह बनी सिया चेयरमैन से टकराव, ऑफिस में ताला लगवाना पड़ा भारी!
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव विदेश प्रवास से लौट आए हैं और उनकी अनुपस्थिति में सिया चेयरमेन और दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के बीच विवाद ने तूल पकड़ लिया।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव विदेश प्रवास से लौट आए हैं और उनकी अनुपस्थिति में सिया चेयरमेन और दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के बीच विवाद ने तूल पकड़ लिया। आरोप है कि आईएएस नवनीत कोठारी ने एमपी एनवायरमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी(सिया) के चेयरमेन शिवनारायण सिंह चौहान का ऑफिस ताला लगवाकर बंद करवा दिया था। यह मामला उस वक्त ऊपर तक पहुंच गया जब कुछ ही घंटों बाद ऑफिस को दोबारा खोल दिया गया।
विवाद के बाद राज्य सरकार ने सख्त से बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की है। जिसके तहत नवनीत कोठारी को पर्यावरण विभाग सचिव पद से हटा दिया और आईएएस आर. उमा माहेश्वरी को एप्को के कार्यकारी निदेशक और सिया की मेंबर सेक्रेटरी की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है। ये तमाम निर्णय सिया चेयरमेन की शिकायतों के बाद लिए गए।
इस विवाद के बाद राज्य सरकार ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की है। नवनीत मोहन कोठारी को पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव पद से हटा दिया गया है, वहीं आईएएस आर. उमा महेश्वरी को एप्को के कार्यकारी निदेशक और सिया की मेंबर सेक्रेटरी की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है। यह कदम सिया चेयरमैन की शिकायतों के बाद उठाया गया।
आरोप: गलत तरीके से दी गईं प्रोजेक्ट मंजूरी
शिवनारायण सिंह चौहान ने दोनों अधिकारियों पर मनमाने ढंग से काम करने और 237 प्रोजेक्ट्स को गलत तरीके से मंजूरी देने का आरोप लगाया था। उन्होंने यह भी कहा कि इन अफसरों की खनन माफिया से सांठगांठ है और सिया की बैठकें जानबूझकर रुकवाई गईं। इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है।
सरकार ने लिए कड़े फैसले
सरकार ने करीब दो महीने चले विवाद के बाद कड़े कदम उठाए हैं। अब नवनीत मोहन कोठारी को राज्यपाल के प्रमुख सचिव के रूप में नई जिम्मेदारी दी गई है, जबकि आर उमा महेश्वरी को सभी पदों से हटा दिया गया है।
नई नियुक्तियां
अशोक वर्णवाल को नया पर्यावरण विभाग प्रमुख सचिव बनाया गया है और उन्हें एप्को के महानिदेशक की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी दी गई है।
दीपक आर्य को एप्को का कार्यकारी निदेशक और सिया के मेंबर सेक्रेटरी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
विवाद की जड़
कोठारी और महेश्वरी के खिलाफ केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय में भी शिकायत की गई थी। 27 जून को इस पर संज्ञान लिया गया और डीओपीटी की विजिलेंस शाखा को जांच सौंपी गई। इसके बाद ही कोठारी ने चेयरमैन का ऑफिस बंद करवाया था। जब सीएम विदेश में थे, तो यह मामला उनके संज्ञान में लाया गया, जिसके बाद एसीएस नीरज मंडलोई के निर्देश पर ऑफिस को खोला गया।